मनमोहन सिंह को अंतिम विदाई, दिल्ली के निगमबोध घाट पर होगा अंतिम संस्कार
Manmohan Singh Funeral Updates: डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार(28 दिसंबर) की सुबह 11:45 बजे निगमबोध घाट पर होगा। इस बीच स्मारक को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ठन गई है। कांग्रेस ने स्मारक के लिए जगह तय ना करने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
Manmohan Singh Funeral Updates: भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह को आज यानी शनिवार(28 दिसंबर) काे अंतिम विदाई दी जाएगी। डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार आज सुबह 11:45 बजे निगमबोध घाट पर होगा। गृह मंत्रालय ने अंतिम संस्कार के लिए सभी प्रोटोकॉल की व्यवस्था की है। इस बीच स्मारक को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच ठन गई है। कांग्रेस ने स्मारक के लिए जगह तय ना करने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, केंद्र ने कहा है कि स्मारक बनाया जाएगा, लेकिन इसमें कुछ वक्त लगेगा। यहां पढें मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लाइव अपडेट्स।
- अंतिम यात्रा के लिए सजाया गया वाहन
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा के लिए सेना की एक गाड़ी को फूलों से सजाया गया है। एक मिनी ट्रक से जुड़े फूलों से सजी एक छोटी ट्रॉली में पार्थिव को रखा जाएगा। राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेता अंतिम यात्रा के साथ ही निगमबोध घाट पहुंचेंगे। ट्रक और ट्रॉली दोनों को ही बेहद खुबसूरती से फूलों से सजाया गया है।
- अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई देने की तैयारी शनिवार सुबह की गई। दिल्ली के निगमबोध घाट पर सेना के जवानों की टुकड़ी अंतिम विदाई देने के लिए होने वाले मिलिट्री ड्रिल की प्रैक्टिस करते नजर आए।
- अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू
- कांग्रेस मुख्यालय लाया जाएगा पार्थिव
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर सुबह 8 बजे उनके आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया जाएगा। यहां सुबह 8:30 से 9:30 बजे तक उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद 9:30 बजे उनकी अंतिम यात्रा निगमबोध घाट के लिए रवाना होगी। डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 9:51 बजे दिल्ली के AIIMS अस्पताल में निधन हुआ। वे 92 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर देशभर में शोक की लहर है। सरकार ने सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। कांग्रेस ने भी 3 जनवरी तक अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। सुबह से ही कांग्रेस मुख्यालय पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई।
- पार्थिव काे तिरंगे में लपेटा गया
पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को शुक्रवार की रात उनके दिल्ली पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में लपेटा गया। मनमोहन सिंह को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। उनके पार्थिव पर थल सेना के जवानों ने मिलिट्री प्रोटोकॉल का पालन करते हुए राष्ट्रीय ध्वज लपेटा। इसके बाद पार्थिव को सलामी दी।
स्मारक को लेकर विवाद
कांग्रेस ने मांग की है कि डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक निगमबोध घाट के पास बनाया जाए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार से फोन पर यह अनुरोध किया। गृह मंत्रालय ने इसे स्वीकार कर लिया है। हालांकि, सही स्थान और ट्रस्ट के गठन में थोड़ा समय लग सकता है। कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर पहले उचित कदम न उठाने का आरोप लगाया है। मल्लिकाजुर्न खड़गे ने एक चिट्ठी लिखकर भी सरकार से स्मारक के लिए जगह आवंटित करने की मांग की।
राजकीय सम्मान के साथ आखिरी विदाई
गृह मंत्रालय ने डॉ. मनमोहन सिंह को राजकीय सम्मान के साथ आखिरी विदाई देने का फैसला किया है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी उनके निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया है। कांग्रेस पार्टी ने इस मौके पर उनके लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया है।
बसपा प्रमुख ने भी की स्मारक बनाने की मांग
बसपा प्रमुख मायावती ने भी डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में स्मारक बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उनके परिवार और सिख समाज की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। मायावती ने इस मुद्दे पर राजनीति से बचने की सलाह दी है। उनका मानना है कि यह डॉ. सिंह के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कनाडा के पीएम ने दी श्रद्धांजलि
डॉ. सिंह के निधन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शोक व्यक्त किया गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने और वैश्विक संबंधों को मजबूत करने में बड़ा योगदान दिया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि वे एक सच्चे नेता और विनम्र व्यक्तित्व के प्रतीक थे।
दो बार रहे देश के प्रधानमंत्री
डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री और सबसे लंबे समय तक इस पद पर रहने वाले चौथे नेता थे। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक प्रगति की दिशा में कई ऐतिहासिक कदम उठाए। वे अपने सरल स्वभाव, दूरदर्शिता और निष्ठा के लिए हमेशा याद किए जाएंगे।