सूदखोरों पर लगाम कसने के लिए पुलिस-प्रशासन को कमर कसनी चाहिए..!

रायपुर क्राइम न्यूज : राजधानी के तेलीबांधा इलाके के एक नवयुवक ने 2 दिन पूर्व खुदकुशी कर ली थी। जिससे मिले कथित पत्र में उधारी को लेकर सूदखोरों द्वारा चक्रवृद्धि ब्याज हेतु तंग किया जाना बताया गया था। साथ ही दो महिलाओं का नाम लिख उनसे आग्रह किया गया था कि पैसे के लिए घर वालों को तंग न करे। वह(मृतक) जा रहा है। पुलिस कथित पत्र के हेंड राइटिंग की जांच में जुटी है तो वही जिनका नाम आया है उनसे पूछताछ भी कर रही है पर जो भी हो एक बार फिर शहर में सूदखोरों को लेकर चर्चा गरमा गई है वही बिना लाइसेंस ब्याज का धंधा करने वालों (सूदखोरों) पर लगाम लगाने की मांग उठ रही है।
तेलीबांधा प्रकरण पर फिलहाल जांच जारी है। शहर में बीसी का धंधा जोरो पर है। जैसा कि पूछताछ के दौरान दोनों महिलाओं ने कहा है कि वह ब्याज नहीं, बीसी के पैसे वाली बात है। यह भी स्पष्ट कर देना जरूरी होगा कि इस तरह बीसी खिलाना यानि बिना लाइसेंस के गलत है।
राजधानी समेत पूरे प्रदेश में बिना लाइसेंस लिए ब्याज पर पैसा देने वालों की संख्या हजारों में बताई जाती है। जो बिना लाइसेंस ब्याज का धंधा करने वालों को मिलने वाले दो प्रतिशत अधिकतम ब्याज से चार- पांच गुना अधिक रहता है।
बताया जाता है कि चूंकि बिना लाइसेंस ब्याज देने वाले लोग (सूदखोर) तत्काल पैसा दे देते हैं। बदले में मकान, जमीन, जायदाद, गहने, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, वाहन, पास बुक, एटीएम कार्ड आदि रख लेते हैं। नतीजन लोग मजबूरी में मौखिक समझौता कर ब्याज उठा लेते हैं। जो बढ़ने के साथ चक्रवृद्धि ब्याज में परिवर्तित हो जाता है। ऐसी स्थिति में कर्ज लेने वाला व्यक्ति सूदखोर के बिछाए दल-दल में फंस जाता है।
लोगों का कहना है कि पुलिस-प्रशासन को कमर कसनी होगी। राज्य स्तर पर ऐसे बिना लाइसेंस वाले सूदखोरों का पता लगाना चाहिए। बिना नाम सार्वजनिक किये ( गोपनीयता ) यदि लोगों से अपील की जाए तो हजारों सूदखोरों के नाम तुरंत पुलिस प्रशासन को मिल जाएगा। जिससे सूदखोरी पर नियंत्रण लगाया जा सके।