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गणेश झांकी विसर्जन 2023 : गणेशोत्सव झांकी विसर्जन पर कानफोड़ू डीजे मामले में हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान में ले- शुरू की सुनवाई

गणेश झांकी विसर्जन 2023 :

गणेश झांकी विसर्जन 2023 :

गणेश झांकी विसर्जन 2023 : प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने हस्तक्षेप याचिका दायर की

गणेश झांकी विसर्जन 2023 : रायपुर राजधानी में डीजे में से हो रहे ध्वनि प्रदूषण को लेकर प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ गणेश झांकी विसर्जन 2023 नागरिक संघर्ष समिति में हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में ली गई जनहित की सुनवाई में शासन से हस्तक्षेप याचिका पर जवाब मांगा है।

Raipur Ganesh Jhanki 2023 !! रायपुर गणेश झांकी 2023 - YouTube

8 किलोमीटर मार्ग पर देर शाम से रात भर डीजे बजते रहे

उक्त याचिका में समिति ने बकायदा गणेश झांकी विसर्जन रूट (मार्ग) का नक्शा जारी करते हुए बताया है कि इस मार्गों पर रात भर डीजे निकलते रहे। ततसंदर्भ में 40 फोटो समिति ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया है। समिति अध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने बताया है कि करीब 100 डीजे एक के पीछे एक वाहनों में में रख 120 डेसीबल तक की आवाज निकलते चल रहे थे।यह स्थिति पुलिस द्वारा विसर्जन झांकी के लिए निर्धारित 8 किलोमीटर मार्ग पर देर शाम से रात भर थी। जिससे जनता परेशान रही। बकौल मित्रा जिन ट्रेलर ट्रक का प्रवेश शहर में प्रतिबंधित रहता है ऐसे 40-40 फुट लंबे ट्रेलर ट्रक में डीजे बजाते हुए शहर के बीच से निकाले गए। शंकर नगर आवासीय क्षेत्र में 100 से 200 मीटर में अस्पताल है वहां एक ट्रेलर ट्रक रात में 2 घंटे तक डीजे बजाए गए। समिति के डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि प्रशासन चौक-चौराहों में लगे कैमरे से वीडियो, फुटेज निकाल कर डीजे वालों पर कार्रवाई कर सकता है।

सर्वे रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें ट्रेलर ट्रक में एक के बाद एक लगातार पांच-पांच डीजे बजाए जाने का जिक्र

गौरतलब है कि सर्वे रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें ट्रेलर ट्रक में एक के बाद एक लगातार पांच-पांच डीजे बजाए जाने का जिक्र करते हुए दर्जनों ट्रकों, ट्रैक्टरो ट्रेलर ट्रकों में डीजे अत्यधिक तेज आवाज में बजाए जाने की जानकारी प्रकाशित की थी। जुलूस में शामिल लोग एक-दूसरे की बात नहीं सुन पा रहे थे। इशारों में चर्चा कर रहे थे। दर्जन लोगों ने डीजे को ले शिकायत की थी। इससे वृद्धों मरीजों को परेशानी हुई रास्ते में पड़ने वाले रिहायशी क्षेत्र के लोग सो नहीं पा रहे थे। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि न तो घर न बाहर रहना संभव हो पा रहा था। यह दशा पूरे 8 किलोमीटर मार्ग पर देखी गई थी।

(लेखक डॉ. विजय )

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