छत्तीसगढ़ न्यूज 2023 : फसल कटी नहीं पलायन शुरू मतदान से ज्यादा जरूरी, आजीविका …!

छत्तीसगढ़ न्यूज 2023 :

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छत्तीसगढ़ न्यूज 2023 : हर वर्ष छत्तीसगढ़ में लाखों ग्रामीण पलायन करते हैं , दलाल सक्रिय है गांव गांव में

छत्तीसगढ़ न्यूज 2023 : रायपुर एक और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हो रहा है। छत्तीसगढ़ न्यूज 2023 तो दूसरी ओर राजधानी में दूरस्थ जांजगीर-चांपा जिले से ग्रामीण कमाने-खाने अन्यंत्र इलाकों के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। जिसकी चिंता किसी को नहीं है।

छत्तीसगढ़ से हर वर्ष लाखों ग्रामीण मय परिवार अन्यंत्र राज्यों में कमाने-खाने जाने हेतु पलायन करते हैं। आमतौर पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों के लिए जहां पर वे बिल्डरों के अधीन रहकर रोजी-मजदूरी करते हैं। राज्य से क्रमशः दुर्ग,नांदगांव, खैरागढ़, कवर्धा, डोंगरगढ़, जशपुर लोहरा, बेमेतरा, धमधा, भाटापारा, बलौदा बाजार, बिलासपुर, जांजगीर- चांपा, रायगढ़, अंबिकापुर आदि जिलों से लाखों की संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष, बाल-बच्चों को लेकर पलायन करते हैं। आमतौर पर धान कटाई बाद।

उपरोक्त मुददा तो हर वर्ष प्रतिपक्ष उठाता तो पक्ष नकारता है। यह स्थिति राज्य बनने की पूर्व से लेकर आज राज्य निर्माण के 23 वर्ष पूर्ण हो जाने के बावजूद बरकरार हैं। ठेकेदारों, बिल्डरों के दलाल गांव-गांव, तहसील-तहसील फैले हुए है। वे बाकायदा पैसे का लोभ-लालच एवं अन्य सुविधा मुफ्त खाना, दवा की बात का कहकर या भरोसा दिला ग्रामीणों को झांसे में ले पलायन कराते हैं।

प्रदेश में दो चरणों में मतदान होना हैं। अभी शुरू होने में वक्त हैं। धन की फसल कटी नहीं हैं। परन्तु जांजगीर -चांपा जिले से फसल कटाई के पूर्व ही रोजाना सैकड़ों एवं हफ्ते में हजारों ग्रामीण पलायन कर रहें हैं। जिन्हें कोई रोकने-टोकने वाला नहीं हैं। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन चुनाव कार्य में जुटे हैं। नेता कार्यकर्ता चुनाव प्रचार-प्रसार में लगे हैं। इधर बसों ट्रकों ट्रेनों से पलायन हो रहा हैं। श्रम अधिकारी पलायन से इंकार करते हैं। जबकि आंखों के आगे पलायन धड़ल्ले से हो रहा हैं। उधर जिला प्रशासन चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने जागरूकता अभियान गांव- गांव कस्बों, स्कूलों, कालेजों में चला रही हैं। विज्ञापन छापे जा रहें हैं। पर एक वर्ग को इनसे कोई लेना-देना नहीं। वे कहते हैं पेट की आग शांत करने से जरूरी मतदान नहीं है। चुंगल में लेने के बाद दलाल, बिल्डर पलायन कर्ताओं का शारीरिक, आर्थिक, मानसिक शोषण करते हैं।

(लेखक डॉ. विजय )

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