थोक में दाम उतरने के बावजूद, सब्जी चिल्हर में महंगी

सब्जी की आवक बढ़ी

रायपुर। हाट-बाजार में सब्जियों की आवक सामान्य होने के बाद थोक में दाम नीचे आ गए हैं, बावजूद चिल्हर में दर घटा नहीं है। बल्कि थोक की तुलना में दुगुना बना हुआ हैं।

Farmers are not able to save even in bringing vegetables from the fields to  the market. | किसानों को खेतों से मंडी तक सब्जी लाने में किराया तक नहीं मिल  रहा -

राजधानी समेत समूचे प्रदेश में पिछले 3-4 माह से साग-सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। जिससे आम आदमी एवं गरीबों को पसंदीदा सब्जी के लाले पड़ गए हैं। कमर तोड़ महंगाई के मध्य चूंकि सब्जी रोज खरीदने खाने वाली चीज है लिहाजा खरीदना मजबूरी है। अब कुछ दिनों से सब्जी की आवक बढ़ी है नतीजन थोक में दाम धड़ाम से नीचे आ गए हैं। परंतु चिल्हर में अब भी बढ़े हुए हैं। हालात इसी से समझी जा सकती है कि कोई सब्जी थोक में 15 या 25 रुपए किलो है तो वही चिल्हर में 30 या 50 रुपए यानी डबल रेट।

चिल्हर विक्रेताओं का कहना है कि आवक बढ़ने से थोक वालों को कुछ दिनों से सस्ते या सामान्य दर पर सब्जी मिलने लगी है। परंतु वे (थोक) उन्हें (चिल्हर) अब भी दाम बढ़ाकर बेच रहे हैं। ऐसे में हम (चिल्हर) चाह कर भी अपने ग्राहक को सस्ता या सामान्य दर पर माल नहीं दे पा रहे हैं। जो भी हो मरना तो ग्राहक को है। हमेशा सफर तो ग्राहक को करना पड़ेगा।

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