Election 2024:यूपी में संकट के बादल, नहीं हुआ सुधार तो 2024के आंकड़ों में होगी भारी बदलाव

उत्तर प्रदेश Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर के सभी दलों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है, हर पार्टी अपनी रणनीति बनाने में जुट गई हैं। वहीं इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय अभियान को रोकने के लिए विपक्षी पार्टियां एक होकर चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं। यहीं कारण है कि 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों ने महाबैठक कर सरकार के खिलाफ एक नया मोर्चा बनाया। फिलहाल इन सभी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव में 75 जिलों वाले उत्तर प्रदेश एक मील का पत्थर साबित होने वाला है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें आती हैं।
दरअसल, देशभर की कुल 543 लोकसभा सीटों में उत्तर प्रदेश 80 सीटों के साथ पहले स्थान पर आता है। फिलहाल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने बीजेपी की जीत में अहम योगदान निभाया था। ऐसे में विपक्षी पार्टियों के लिए बीजेपी को हराने के लिए उत्तर प्रदेश के उनके किले को गिराना जरूरी हो गया है।
2014 और 2019 में बीजेपी को मिला बहुमत
साल 2014 और साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में यूपी में किस पार्टी ने कितनी सीटें जीतने के साथ ही कितना वोट प्रतिशत हासिल किया था. बता दें कि साल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता ने सभी को हैरान कर दिया था. दोनों ही बार यूपी की 80 सीटों पर हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए ने जीत दर्ज की थी।
2019 में दोहराया गया इतिहास
इसके बाद पांच साल के अंतराल पर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर इतिहास ने खुद को दोहराया. फिलहाल इस बार जहां बीजेपी को कुछ ही सीट का नुकसान हुआ. वहीं बसपा अपनी साख बचाती नजर आई. 2019 के दौरान एनडीए में बीजेपी और अपना दल (एस) ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा और एनडीए का 51.19 प्रतिशत वोट शेयर रहा. जिसमें 50 प्रतिशत वोट शेयर के साथ बीजेपी ने 62 लोकसभा सीट अपने नाम की और अपना दल फिर से एक प्रतिशत वोट शेयर के साथ 2 सीट ही जीत पाई.
बसपा ने बचाई अपनी साख
वहीं दूसरी ओर इस बार के महगठबंधन (बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल) को 39.23 प्रतिशत वोट शेयर मिला था. जिसमें बसपा को 19 प्रतिशत, सपा को 18 प्रतिशत और रालोद को 2 प्रतिशत वोट मिला था. जिसके साथ ही सीटों की बात करें तो अपनी साख बचाते हुए बसपा ने इस बार 10 सीटों को अपने नाम किया और सपा पिछली बार की ही तरह 5 सीटों पर जीत हासिल कर पाई. वहीं आरएलडी के हाथ एक बार फिर खाली ही रहे.