निकाय चुनाव से पहले वोटर लिस्ट से हट रहे डुप्लीकेट नाम, लोगों से ये सवाल

महाराष्ट्र चुनाव अधिकारी विपक्षी दलों की शिकायतों के बाद मतदाता सूची से डुप्लीकेट नाम हटाने की कार्रवाई कर रहे हैं. वे ऐसे नामों को चिह्नित कर संबंधित मतदाताओं से स्पष्टीकरण मांगेंगे कि वे कहां वोट देना चाहते हैं. यह कदम आगामी निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची को शुद्ध करने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.
महाराष्ट्र चुनाव अधिकारी मतदाता सूची में दोहराए गए नामों को हटाने की कार्रवाई कर रहे हैं. विपक्षी दलों की शिकायतों के बाद, अधिकारी ऐसे नामों को अस्थायी रूप से चिह्नित कर रहे हैं और संबंधित मतदाताओं से स्पष्टीकरण मांगेंगे कि वे कहां वोट देना चाहते हैं. अद्यतन सूची राजनीतिक दलों और बूथ स्तर के अधिकारियों के साथ साझा की जाएगी. यह कदम आगामी निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए उठाया गया है.
चुनाव अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि इसके बाद अद्यतन मतदाता सूची को बूथ स्तर के अधिकारियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ साझा किया जाएगा. शिवसेना (UBT), कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) समेत कई विपक्षी दलों की शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है.
इन दलों ने मतदाता सूची में अलग-अलग पतों और विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के नामों के दोहराव का आरोप लगाया है. उन्होंने ग्रामीण और शहरी निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची में ‘सुधार’ और ‘विसंगतियों’ को दूर करने का आह्वान किया है. निकाय चुनाव 31 जनवरी, 2026 तक पूरे किए जाने हैं.
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
महाराष्ट्र के चुनाव अधिकारियों ने कई मतदाताओं के विभिन्न सीट पर नाम दर्ज होने के कुछ दलों के दावों के बीच ऐसे नामों को अस्थायी रूप से चिह्नित करने और संबंधित व्यक्तियों से उस निर्वाचन क्षेत्र के बारे में स्पष्टीकरण मांगने का फैसला किया है, जहां वे अगली बार अपना वोट डालने का इरादा रखते हैं.
मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मतदाता सूची में कई बार दिखाई देने वाले नामों की सूची साझा करने को कहा है. कुछ मामलों में एक मतदाता का नाम एक ही शहर में एक से अधिक स्थानों पर दिखाई दे सकता है, जबकि अन्य मामलों में यह शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सूचीबद्ध हो सकता है’
उन्होंने कहा, ‘हमारे क्षेत्रीय अधिकारी ऐसे पतों पर जाएंगे, संबंधित मतदाताओं से संपर्क करेंगे और उनके विवरणों की पुष्टि करेंगे. इसके बाद प्रत्येक मतदाता को एक निर्वाचन क्षेत्र चुनने के लिए कहा जाएगा जहां वे (अगले चुनाव में) अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना चाहते हैं.’