Sun. Jul 6th, 2025

Raipur News : शासकीय कर्मियों-अधिकारियों की लेट लतीफी से आमजन परेशान …!

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Raipur News : लंबी छुट्टियों के कारण दफ्तरों में काम पेंडिंग रहता है

Raipur News : जिले के शासकीय कार्यालयों में अधिकारी कर्मचारियों के नियमित-निर्धारित Raipur News समय पर न आने एवं जल्दी चले जाने से लोगों को परेशानी हो रही है। काम रोक देने की आशंका या डर से आमजन इसकी शिकायत भी विभागाध्यक्ष या विभागीय संचालक, सचिव से नहीं कर पाते।

आमजनों का सीधा आरोप है कि शासकीय कार्यालयों में उनके काम महीनों तक लटकाए जाते हैं। साधारण सा जो कार्य चंद मिनटों में हो जाना चाहिए। उस हेतु कई हफ्ते चक्कर काटने पड़ते हैं। इतना ही नहीं अपना काम-धंधा छोड़ लोग सुबह कार्यालय खुलने के निर्धारित समय सुबह 9:30 बजे से पहले पहुंच जाते हैं। पर पता चलता है कि ज्यादातर कर्मचारी अधिकारी पूर्वान्ह 10:30 से 11:30 बजे तक पहुंचते हैं। कई तो मध्यान्ह बाद विराजते हैं। उनसे निर्धारित समय की बात पूछो तो भड़क जाते हैं। और काम नहीं करने की बात कहते हुए फाइल पटक देते हैं। कई तो गायब रहते हैं। हद तो तब हो जाती हैं जब देर से आने वाले निर्धारित समय शाम 5:30 बजे से पहले अपनी सीट छोड़ जाते हैं। उन्हें ढूंढो तो पता चलता है कि घर जा चुके हैं। या परिसर में यत्र-तत्र जाकर गप्पबाजी कर रहे हैं।

उपरोक्त स्थिति जिलाधीश कार्यालय, समेत, तहसील, शिक्षा विभाग, नगर निगम, पटवारी कार्यालय, माध्यमिक शिक्षा मंडल, बिजली विभाग आदि में बनी हुई है। बमुश्किल 40- 50 प्रतिशत कर्मी अधिकारी निर्धारित समय से 10-15 मिनट बाद पहुंचते हैं। जबकि निर्धारित समय पर महज 10-15 प्रतिशत। घंटों देर से आने वाले 30-40 प्रतिशत हैं।

आमजनों का कहना है कि एक तो राज्य सरकार ने सभी शनिवारों को कार्यालयों में शासकीय छुट्टी घोषित कर रखी है। जिस से माह में रविवार प्लस 1-2 अन्य छुट्टी को मिलाकर बमुश्किल 18-20 दिन काम पर आते हैं। जिसका सीधा असर कामकाज पर पद रहा हैं। इस छुट्टियों के चलते पेंडिग काम 15से 25 प्रतिशत बढ़ गए हैं। ततसंबंध में संभागायुक्त का कहना है कि अभी अधिकांश कर्मचारी अधिकारी को मतगणना की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसलिए कार्यालय में पहुंचने वालों की संख्या कम है। जो देर से पहुंच रहे हैं। उन्हें नोटिस करेंगे। आमजनों का आरोप है कि कुछ यही हाल सरकारी स्कूल-कालेजों का है। जहां अच्छा खासा वेतनमान मिलने के बावजूद शिक्षक देर से आकर दोपहर बाद चले जाते हैं। शाम निर्धारित समय तक मुश्किल से 10-15 प्रतिशत मिलते हैं।

(लेखक डॉ.विजय )

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