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निजी यात्री बसें, आधी अधूरी क्षमता के साथ चली

-हरेली तिहार के चलते ग्रामीणों ने यात्रा स्थगित की, कुछ बस चालकों-परिचालकों ने छुट्टी मारी

रायपुर। राजधानी समेत प्रदेश भर में संचालित यात्री बसों को सोमवार को हरेली पर्व के चलते सवारी के लाले पड़े। ज्यादातर ग्रामीणों ने गांव में रहकर परिवार रिश्तेदारों के साथ दिनभर त्यौहार मनाया।

गौरतलब है कि प्रदेश में हरेली त्यौहार बड़े उत्साह-उमंग से मनाया जाता है। सावन के समय छत्तीसगढ़िया तीज-त्यौहार आमतौर पर हरेली से प्रारंभ माना जाता है। सोमवार को हरेली पर्व पर ग्रामीणों ने परंपरागत तौर पर पूजा-अर्चना करके एक-दूसरे को पर्व की बधाई दी। घर-घर पकवान बनाए गए। उसका लुफ्त उठाया, गेड़ी चढ़ने- दौड़ने की प्रतिस्पर्धा करते रहे। खेत- बाड़ी जाना वर्जित था।

उपरोक्त पर्व को गांव में रहकर ही मनाया जाता है। जिसके कारण गांव वाले शहर नहीं गए। यहां तक कि जो लोग रोज शहर जाकर काम-धंधा करते हैं, वे भी गांवो में बने रहे। ऐसे में निजी यात्री बसों के आपरेटरों को यात्री बेहद कम मिले। कुछ बसों के चालक-परिचालक ने भी छुट्टी मारी। वजह वे गांव में परिवारों के मध्य त्यौहार मनाने रुके रहे। यात्रियों के कमी की आपरेटरों को पहले ही आशंका थी। अतः कुछ बसें नहीं चली। उधर सुबह से बारिश के खलल के चलते कुछ शहर वासियों ने भी यात्रा स्थगित कर दी। उपरोक्त वजहों से निजी यात्री बसों में एक तिहाई या आधे ही यात्री नजर आए।

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