Thu. Jul 3rd, 2025

Drinking Water Crisis: शहर के ज्यादातर हिस्सों में पेयजल की संकट, करना होगा दिक्कत का सामना

Drinking Water Crisis:

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Drinking Water Crisis:  अमृत मिशन योजना पर 500 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुका है। बावजूद कुछ क्षेत्र ऐसे चिन्हाकित किए गए है जहां पेयजल संकट हो सकता है। यह बात पेयजल आपूर्ति समीक्षा में सामने आई है। योजना अंतर्गत बड़ी चुनौती कई जगहों पर टंकियाें में इंटर कनेक्शन नही होने से टंकियां पूरी तरह नहीं भरी जा पा रही हैं।

Drinking Water Crisis: राजधानी में पेयजल संकट से निपटने व्यवस्था दुरुस्त करने तीन सरकारी एजेंसियां क्रमशः नगर निगम, अमृत मिशन योजना एवं स्मार्ट सिटी कंपनी जुटी हुई हैं। पर इनका कार्य आधा-अधूरा होने की वजह से तो उधर शहर में 43 पानी टंकी होने के बावजूद कही इंटर कनेक्शन नही होने के चलते टंकियां पूरी तरह नही भरी जा पा रही हैं जिस वजह से दो समय पेयजल उपलब्ध कराने में कठिनाई आ रही है।जबकि सामने तीन माह जमकर गर्मी पड़ने वाली है।

अमृत मिशन योजना पर 500 करोड़ से ज्यादा खर्च

बताया जा रहा है कि अमृत मिशन योजना पर 500 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुका है। बावजूद कुछ क्षेत्र ऐसे चिन्हाकित किए गए है जहां पेयजल संकट हो सकता है। यह बात पेयजल आपूर्ति समीक्षा में सामने आई है। योजना अंतर्गत बड़ी चुनौती कई जगहों पर टंकियाें में इंटर कनेक्शन नही होने से टंकियां पूरी तरह नहीं भरी जा पा रही हैं। पूर्व में (कुछ वर्ष पहले) महज17 टंकी थी, जो अब करीब चार दर्जन के आसपास हो गई है जिनकी फिलहाल संख्या बढ़कर 43 हो गई है। जबकि दो निर्माणधीन है, जो जल्द पूरी होने को है। इसके बावजूद पेयजल की कमी कई इलाकों में पैदा होने की आशंका है।

कई वार्डों में पेयजल संकट

चर्चा है कि भनपुरी में निर्मित टंकी में अगर 5.50 मीटर (साढ़े पांच) पानी भरा जाए तो वहां समस्या हल हो सकती है। डब्ल्यूआरएस इलाके में पाइप लाइन बिछाने का कार्य अधूरा है लिहाजा टैंकों से पानी पूर्ति कर समाधान निकालना होगा। गुरु गोविंद सिंह वार्ड की बात करें तो यहां कंप्रेसर के चलते पर्याप्त पूर्ति नहीं हो पाएगी। दरअसल डिस्ट्रीब्यूशन लाइन से आधा दर्जन स्थानों पर वाल्व ही नही लग पाया है। लिहाजा प्रेशर की कमी के चलते कई क्षेत्र में स्थानों पर पेयजल समस्या आएगी। उधर ब्राह्मणपारा वार्ड समेत बुढ़ापारा वार्ड, नयापारा, तेलीपारा वार्ड, बांसटाल, धोबीपारा को कंप्रेसर के चलते जूझना पड़ेगा। इन क्षेत्रों में टेस्टिंग कार्य अधूरा है। वार्ड 67 के तहत करण नगर, यादव पारा, साकेत नगर भी कंप्रेसर के चलते समस्या ग्रस्त है, जिसे दूर करते चंगोराभाठा टंकी से रायपुर टंकी के कमांड में जा रहे पानी को रोकने से समस्या दूर होगी। वार्ड 60 के तहत ढेबर सिटी, सिमरन सिटी, बीएसयूपी में तथा वार्ड 65 अंतर्गत महामाया मंदिर, मठपारा,परशुराम नगर, ब्रहमपुरी, कुकरीपारा, सुभाष नगर में भी कंप्रेसर समस्या पैदा कर रही है। नलघर से सप्लाई कम होने से समस्या है।
उधर वार्ड 37 के अंतर्गत तात्यापारा में कंप्रेसर समस्या पैदा कर रहा है। रेस्टिंग कार्य अधूरा होने से यह समस्या है। सरोना ट्रेचिंग ग्राउंड इलाके में भी कंप्रेसर वाली समस्या है, जिसे टंकी में जल भराव क्षमता बढ़ाकर दूर किया जा सकता है। कुशाभाऊ ठाकरे वार्ड, सुभाष चंद्र बोस वार्ड में नई टंकी बनाकर समस्या दूर की जा सकेगी।

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं होने से बारिश का पानी नालियों में बह जाता हैं

यहां एक बात ध्यान रखनी होगी कि जिनके पास बोर सिस्टम है, वे बोर से भरपूर पानी लेते हैं। मिस यूज तक होता है। जिससे कई इलाकों में जलस्तर नीचे चला गया है। समस्या से अकेले शासन- प्रशासन नहीं लड़ सकता। जनता भी लापरवाह है जनता को भी समझना होगा। शहर में हजारों घरों में बोर में अच्छा पानी आता है, पर वे अपने ही क्षेत्र के कुछ लोगों को भी पेयजल आपूर्ति नही करते। लोग टुल्लू पंप से पानी खींचते हैं। जिससे पास-पड़ोस के यहां प्रेशर कम होते चला जाता है। वाटर हार्वेस्टिंग नए निर्माण स्थलों, घरों वास्ते जरूरी किया गया। बावजूद कमतर लोग इसका पालन करते हैं। जिनके यहां जगह है, वे प्रशासन के निर्देश के बाद भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनवा रहे। बारिश का पानी सीमेंटों करण से नालियों में बह जा रहा है।

(लेखक डा. विजय )

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