CG Cyber Crime: स्वयं को विदेशी नागरिक बता लोगों से की ठगी, पाक- ब्रिटेन के नंबर से करते थे फोन
CG Cyber Crime: इन दिनों साइबर जालसाज खुद को विदेशी नागरिक बताकर प्लस 92, प्लस 44 जैसे नंबरों से लोगों को फोन कर रहे हैं। अगर वे दोस्त बनाते हैं और फिर व्यवसाय या उपहार भेजते हैं तो सावधान रहें।
CG Cyber Crime रायपुर। साइबर ठग लोगों को ठगने नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं। उनका एक ही लक्ष्य रहता है किसी भी तरह सामने वाले को झांसे में डाल उनका जमा पूंजी हड़पना लिहाजा हर पल सावधान रहने का वक्त है। खासकर उन लोगों को जो दिन-रात मोबाइल से चिपके रहते है साथ ही उन्हें भी जो ज्यादा महत्वाकांक्षी एवं लालची भी हैं। शार्टकट तरीके से पैसा बनाने के चक्कर में जल्दी आ जाते हैं। ऐसे तमाम लोग बाद में हाथ मलते रह जाते हैं।
प्लस 92, प्लस 44 जैसे नंबरों से कॉल रिसीव न करें
इन दिनों साइबर ठग लोगों को ठगने खुद को विदेशी नागरिक बताने हुए प्लस 92, प्लस 44 जैसे नंबरों से कॉल कर रहे हैं। वे दोस्ती करने फिर कारोबार या गिफ्ट भेजे तो सावधान हो जाए। ऐसे लोग साइबर ठग हो सकते हैं। ऐसे लोग वर्चुअल मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत में रहकर दूसरे देश का वर्चुअल नंबर लेकर कॉल करते हैं। फिर झांसे में लेकर ऑनलाइन ठगी करते हैं। साइबर ठगी में वर्चुअल नंबरों का उपयोग बढ़ने लगा है। इन्हें पकड़ना बेहद मुश्किल कार्य है। इंटरनेट कॉलिंग वाले होते हैं।
ठग दोस्त बनाकर ठगी करते हैं
साइबर पुलिस सूत्रों के अनुसार रायपुर जिले में पिछले बरस 8 हजार से ज्यादा लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गए। यह भी बताया जाता है कि ठग दोस्ती का प्रयास करते हैं या फिर सीधे धमकी देकर रकम जमा कर लेते हैं। खुद को पुलिस अधिकारी, बैंक मैनेजर या आपके रिश्तेदार को दोस्त या पुराना मित्र बता ठगते है। साइबर पुलिस का कहना कि जब भी अनजान कॉल आए या वर्चुअल नंबर से आए या कोई संबंध अधिकारी, पुलिस, बैंक से फोन की बात कहे तो कॉल न उठाएं। बल्कि नजदीक की पुलिस को खबर दें। साइबर थाने में सूचना दे। किसी को अपना निजी डाटा हरगिज न दे।
नाइजीरियाई विदेशी युवा अधिक ऑनलाइन धोखाधड़ी करते हैं
नाइजीरियाई करते हैं ज्यादा इस्तेमाल: ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए कुख्यात नाइजीरियाई जालसाज भी अक्सर ऐसे ही नंबरों का इस्तेमाल करते हैं। हम फेसबुक पर किसी खूबसूरत युवक या युवती की फोटो पोस्ट करते हैं और चैट करते हैं। बाद में उनसे बातचीत कर युवक-युवतियों को फंसाते हैं। इसके बाद उनसे रकम वसूलते हैं। साइबर क्राइम एएसपी कवि गुप्ता का कहना है कि जब ऐसे कॉल आएं तो सावधानी से बातचीत करें। किसी भी प्रकार का लेनदेन नहीं करना चाहिए। ऐसी कई सेवा प्रदाता कंपनियां हैं जो वर्चुअल नंबर प्रदान करती हैं। उन तक पहुंचना थोड़ा मुश्किल है. हालांकि, पुलिस साइबर जालसाजों का पता लगाने, उन्हें गिरफ्तार करने या पीड़ितों को पैसे लौटाने के लिए हर संभव तरीके अपनाती है

