Wed. Jul 2nd, 2025

डेंगू समेत अन्य बीमारियों की संवाहक बनी खुली, बिकती खाद्य सामग्रियां …!

धड़ल्ले से बिक रहे ,कोई मॉनिटरिंग नहीं कहीं रोक-टोक नहीं

एम्स, नगर निगम, प्रशासन की टीम डेंगू उपज इलाके ढूंढने निकली थी

रायपुर। राजधानी समेत समूचे छत्तीसगढ़ में इन दिनों डेंगू का प्रकोप है। कहीं कम तो कहीं ज्यादा। एम्स की एक टीम गत दिनों इसकी उपज का पता लगाने नगर निगम कर्मियों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ राजधानी के कुछ ज्यादा प्रभावित इलाकों में घूमी थी।

आमतौर पर माना जाता है कि स्वच्छ पानी में डेंगू का मच्छर पनपता है। वैसे ठहरे हुए गंदे पानी में भी होने की आशंका रहती है। इसी मददेनजर दवा छिड़काव नगर निगम ने प्रभावित इलाकों में किया था। नालियों की साफ-सफाई भी कराई थी। पर चंद दिनों बाद इस पर लगाम लग गया।

एम्स की टीम ने दौरा किया अच्छी बात है। परंतु एक बात जो हजम नहीं हुई वह यह कि टीम ने (नगर निगम को पता है) ठेले-खोमचे-चौपाटी वाली जगहों को क्यूंकर छोड़ा। खाने-पीने की सामग्री खुले में धड़ल्ले से बेची जा रही है। जिन पर इन दिनों 2 माह से गड्ढे युक्त धूल-धूसरित रास्तों-मार्गों से रह-रहकर उठ रही धूल जमे जा रही है। वाहनों से निकलता कार्बन, उड़ती धूल तेल युक्त खाद्य सामग्री समोसा, भेलपुरी, कचौड़ी, भजिया, बड़ा, चाट, डोसा, अंडा, आमलेट, पाव- भाजी आदि पर बैठ रही है। लोग हैं कि स्टूलों में बैठकर या फुटपाथ पर खड़े होकर(बच्चों- बड़ों समेत) खा पी रहे हैं।आइसक्रीम भी खा रहे हैं।

उपरोक्त स्टालों ठेलों,खोमचे, चौपाटी के ठीक पीछे नालियां खुली हैं। जो बजबजाती रहती हैं। कचरा पेटी, कचरा डिब्बा खुला रहता है। पानी वही पी रहे हैं ड्रम, बाल्टी का, बारिश का पानी गढ़्ढों में भरा रहता है। यह नाजरा आपको एम्स के आगे टाटीबंध साइड फुटपाथ, महोबा बाजार रोड, कोटा, आमानाका, आमापारा,एनआईटी, आयुर्वेद कालेज , साइंस कालेज के सामने, डंगनिया, सुंदर नगर, अश्विनी नगर, रायपुरा, लाखे नगर, पुरानी बस्ती, आमापारा, आश्रम मार्ग, एमजी रोड, मालवीय रोड, बिजली ऑफिस चौक से बुढ़ापारा, श्याम टॉकीज रोड, टिकरापारा, पचपेड़ी नाका, शंकर नगर, अवंती विहार रोड, कचना राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, रामसागरपारा, नगर निगम भवन, गांधी सदन के ठीक सामने गार्डन पर बैरन बाजार, कटोरा तालाब, रोड आदि इलाकों आसानी से दिख जाएगा। ये तमाम इलाके के फुटपाथी स्टाल खुले आम डेंगू के संवाहक समेत अन्य बीमारियों को (छिपी हुई) आमंत्रण दे रहे हैं। फैला रहे हैं। ऐसी बीमारियाें जिनका पता तुरंत नहीं 4-6 माह बाद पता चलता है। कहीं आपको ढकी हुई खाद्य सामग्री नहीं दिखेगी। न ही यह बैनर, पोस्टर, स्टीकर कि खुले में बिकने वाली खाद्य सामग्री न खाए विक्रेता (दुकानदार) हाथ साफ रखता है या नहीं। दस्ताने पहनता है या नहीं। गंदे कपड़े से पोछा लगा उसी हाथ से पानी निकाल कर, उसी हाथ में खाद्य सामग्री निकाल, चाय डिस्पोजल निकाल कर थमा रहा है। पर रोकने-टोकने वाला कोई नहीं। ग्राहक तक नहीं रोकते।
(लेखक डॉ. विजय)

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