पेट्रोल-डीजल पंप कारोबारियों को वेट टैक्स का रिटर्न दाखिल करने से मुक्त करने की उठी मांग, वाणिज्य कर मंत्री को लिखा पत्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ टैक्स बार काउंसिल के मीडिया सेक्रेटरी मोहम्मद रफीक मेमन ने छत्तीसगढ़ राज्य के वाणिज्यकर मंत्री टी.एस.सिंह देव को पत्र लिखकर यह मांग की है कि छत्तीसगढ़ राज्य के रिटेल पेट्रोल व डीजल पंप व्यवसायियों को वेट (मूल्य संवर्धित कर) कर के दायित्व से राहत प्रदान की जाए।
दो-दो रिटर्न करनी पड़ती है फाइल
ज्ञात हो कि 1 जुलाई 2017 से देश में GST लागू कर दिया गया है किंतु पेट्रोल और डीजल को जीएसटी से अलग रखा गया है। जिसके चलते पेट्रोल और डीजल में वेट (मूल्य संवर्धित कर) कर की लायबिलिटी बनती है। इस वजह से पेट्रोल और डीजल पंप व्यवसायियों को दो रिटर्न फाइल करनी पड़ती है। पहला जीएसटी का और दूसरा वेट कर का। ऐसे में एक ही क्रय-विक्रय को व्यवसाई को दो बार रिटर्न में अलग-अलग एक्ट के तहत दिखाना पड़ता है जो कि अनावश्यक है। साथ ही साथ वार्षिक कर निर्धारण भी कराना पड़ता है।
फर्स्ट पॉइंट पर हो जाती है ‘वेट’ की वसूली
बता दें कि डीजल एवं पेट्रोल पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा फर्स्ट पॉइंट (आयल डिपो) पर ही वेट कर की वसूली कर ली जाती है। इसके पश्चात डीजल एवं पेट्रोल पंप व्यवसायियों को पृथक से उपभोक्ता से वेट कर वसूलने की आवश्यकता नहीं होती। ऐसे में पेट्रोल पंप व्यवसायियों द्वारा पृथक से वेट कर की रिटर्न फाइल करने से या वार्षिक कर निर्धारण कराने से छत्तीसगढ़ शासन को पृथक से कोई भी राजस्व की प्राप्ति नहीं होती है।
आज पेट्रोल पंप पर जो वेट कर के पंजीयन कराने की, मंथली एवं तिमाही रिटर्न फाइल करने की, वार्षिक कर निर्धारण की अनावश्यक लायबिलिटी बनी हुई है, उसे समाप्त करने हेतु और राज्य के हजारों पेट्रोल पंप व्यवसायियों को राहत प्रदान करने के लिए वरिष्ठ जीएसटी सलाहकार द्वारा छत्तीसगढ़ शासन से अनुरोध किया गया है।
पंप व्यवसायी संघ ने भी की मांग
एचपीसीएल पंप एसोशिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विजय पांडेय ने E GLOBAL NEWS से हुई चर्चा में बताया कि डीजल-पेट्रोल पंप से जुड़े सभी कारोबारियों को हर माह दो-दो रिटर्न फाइल करना पड़ता है। इसी तरह की फाइल तिमाही और वार्षिक भी जमा करनी पड़ती है। इस तरह की परेशानी से बचने के लिए उन्हें वेट टैक्स का रिटर्न भरने से मुक्त किया जाये, क्योंकि इससे सरकार को कोई लाभ भी नहीं होता और बेवजह व्यवसाइयों को वेट का रिटर्न भरना पड़ता है। एचपीसीएल पंप एसोशिएशन भी सरकार से इसके लिए मांग करता है।