Delhi Water Crisis : “21 जून तक पानी नहीं मिला तो…”,आप मंत्री ने PM को लिखा पत्र
Delhi Water Crisis : आप मंत्री आतिशी ने जल संकट को लेकर PM मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि 21 जून तक दिल्ली के लोगों को पानी नहीं मिला तो मैं अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठूंगी।
Delhi Water Crisis : नई दिल्ली : भीषण गर्मी की वजह से दिल्ली में पानी की समस्या बढ़ गई है। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने जल संकट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। अगर 21 जून तक दिल्ली के लोगों को उनके हक का पानी नहीं मिला तो मैं सत्याग्रह करने को मजबूर हो जाऊंगी। अतिशी ने कहा, ‘मैंने आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर विनम्र निवेदन किया है कि वे (पीएम मोदी) दिल्ली के लोगों को पानी दिलवाएं।
इसके साथ ही आतिशी ने लिखा कि अगर 21 तारीख तक दिल्ली वालों को अपने हक का पानी नहीं मिलता तो फिर 21 तारीख से मुझे पानी के लिए सत्याग्रह शुरू करना पड़ेगा। मैं 21 तारीख से अन्नशन पर बैठूंगी जब तक दिल्ली वालों को उनके हक का पानी नहीं मिल जाता।’
पानी के लिए मचा हाहाकार
पूर्वी दिल्ली की कई कॉलोनियों में दो-तीन दिन से पानी नहीं आ रहा। विनोद नगर, मंडावली, गणेश नगर समेत कई इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा है। इधर, नई दिल्ली में गोल मार्केट, बंगाली मार्केट, तिलक मार्ग, संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और न्यायाधीशों के बंगलों में भी पानी की सप्लाई कम हो गई है। आरएमएल, कलावती और लेडी हार्डिंग जैसे अस्पताल भी पानी की कमी का सामना कर रहे हैं।
28 लोगों को नहीं मिल रहा पानी
जल मंत्री ने कहा, “इस तरह से हरियाणा से 28 लाख लोगों के लिए पानी नहीं मिल रहा है। इस कारण दिल्ली के लोग बहुत परेशान हैं। इनकी परेशानी दूर करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात की गई। वह पानी देने को तैयार हैं। हिमाचल का पानी हरियाणा होते हुए दिल्ली पहुंचेगा। हरियाणा वह पानी देने को भी तैयार नहीं है।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “दिल्ली में तीन करोड़ लोग रहते हैं। इसके लिए दिल्ली को 1050 एमजीडी पानी आवंटित किया गया है। हरियाणा में भी तीन करोड़ लोग रहते हैं और उसे 6050 एमजीडी पानी आवंटित है। यदि वह एक सौ एमजीडी पानी दिल्ली को देता है तो वह उसके कुल आवंटन का लगभग डेढ़ प्रतिशत है।”