विवेकानन्द को आश्रय देने वाली ‘डे’ भवन को नवीनीकरण की जरूरत
रायपुर न्यूज : कोतवाली और बिजली ऑफिस चौक के बीच बूढ़ापारा में बायीं ओर हरिनाथ डे भवन है। आमतौर पर रायपुर शहर के बहुत कम लोग जानते हैं कि स्वामी विवेकानन्द कभी इस भवन में अपने परिवार के साथ 6 महीने तक रहे थे। यह भवन अब नवीनीकरण की बाट जोह रहा है।
आज यानी 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती है। उनके पिता हरिनाथ डे अपने समय के प्रसिद्ध अधिवक्ता थे। कहा जाता है कि एक बार वे एक वकालत केस के सिलसिले में रायपुर आये थे। जब वे कुछ वर्ष यहाँ रहे तो उनके पुत्र स्वामी विवेकानन्द (नरेन्द्रनाथ) सहित उनके भाई भूपेन्द्र दत्त भी आये थे।तब विवेकानंद 8 -10 वर्ष के थे। दत्त परिवार रायपुर के बूढ़ापारा अंतर्गत कोतवाली से बिजली ऑफिस चौक के बीच में बायीं ओर ‘डे’ भवन में रुका था।
स्वामी विवेकानंद के भाई भूपेंद्र दत्त ने एक किताब में इस बात का उल्लेख किया है कि वे लोग केवल लोग(दत्त परिवार) नागपुर से रायपुर बैलगाड़ी के जरिए 15 दिनों में तब पहुंचे थे। कहा जाता है कि नरेंद्र और भूपेंद्र अपनी आयु वर्ग के लड़कों के साथ बूढ़ातालाब में स्नान करने जाते वहां खूब तैरते भी थे। तब सप्रे स्कूल नही बना था।
बहरहाल स्वामी विवेकानन्द का परिवार यहाँ केवल 2 वर्षों तक ही रहा। परिवार कुछ समय के लिए सेनबाडा में भी रहा।। जो बुढ़ापारा में ही है। अब इस भवन में यानी हरिनाथ डे भवन में एकेडमी दशकों तक संचालित होती रही। स्वामी विवेकानंद के यहां ठहरने की बात का खुलासा होते ही यह बात जोर पकड़ते रही है कि इस भवन को संरक्षित कर दिया जाए। पूर्ववर्ती सरकार ने इसे संरक्षित करने का प्रयास किया पर मूर्तरूप नहीं ली। रमन सरकार के समय ध्यानाकर्षण पर तात्कालीन सीएम डॉ रमन सिंह यहां पहुंचे थे। निरीक्षण बाद 5 करोड रुपए मंजूर किए जीर्णोध्दार हेतु। पर अधिकारी राशि और बढ़ाने के चक्कर में टालते रहे। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने हरिनाथ एकेडमी यानी डे भवन को कालीबाड़ी स्थित खाली पड़े मलेरिया अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। पर डे भवन को संरक्षित करने का काम पूरा नही हो सका। अब फिर भाजपा की सरकार बन गई है। लोग चाहते हैं कि उक्त डे भवन स्वामी विवेकानंद की स्मृति में संरक्षित करके जीर्णोध्दार किया जाए। लोगों को जानकारी हो कि कभी इसी भवन के एक कमरे में स्वामी विवेकानंद ठहरे थे।