Darshanam Mogilaiah: दो साल पहले मिला पद्मश्री, अब मजदूरी को मजबूर

Darshanam Mogilaiah: दुर्लभ संगीत वाद्ययंत्र ‘किन्नेरा बजाने वाले पद्मश्री से सम्मानित दर्शनम मोगुलैया मजदूरी करने मजबूर।
Darshanam Mogulaiah रायपुर। पद्मश्री से सम्मानित लोकप्रिय लोक कलाकार दर्शनम मोगुलैया अब अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दिहाड़ी मजदूर का काम करने विवश हैं। उन्होंने कई जगहों पर नौकरी के लिए प्रयास किया पर किसी ने काम नही दिया।
हैदराबाद निवासी पदमश्री लोक कलाकार दर्शनम को दो वर्ष पूर्व पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 73 वर्ष के हो चुके इस कलाकार को पुरस्कार मिलने के बाद राज्य सरकार ने एक करोड रुपए दिया था। दर्शनम तमाम पैसे बच्चों की शादी, जमीन खरीदने, घर बनवाने,खुद समेत दो बेटों की बीमारी, इलाज दवा में खर्च हो गया। उनके 9 बच्चे थे। जिनमें से 3 की आकस्मिक मौत हो गई। बीमारी, इलाज करने से पैसे बचे नही। इस पर उन्होंने प्रायवेट सेक्टर में नौकरी के लिए बहुतरे प्रयास किए। पर उम्र, बीमारी कम पढ़े लिखे होने से उन्हें काम नही मिला। मजबूरन दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं।
दर्शनम मोगुलैया दुर्लभ संगीत वाद्य यंत्र किन्नेरा बजाने के लिए मशहूर रहे हैं। “किन्नेरा” बजाने वाले भारत में नगण्य कलाकार रह गए हैं। इस दुर्लभ संगीत को बचाए रखने के लिए ही उन्हें पद्मश्री मिला था। इन दिनों मजदूरी करते उनका एक वीडियो सोशल मीडिया में दक्षिण भारत में वायरल हो रहा है।
(लेखक डा. विजय)