इंटरनेट यूजर्स सावधान, नहीं तो आप धोखाधड़ी, ठग और लूट का शिकार हो जाएंगे ..

cyber crime

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रायपुर क्राइम न्यूज : चोरी छिपे या गुपचुप काम करने का नतीजा हमेशा गलत होता है। बावजूद लोग झांसे में आकर लाखों रुपए गंवा बैठते हैं तब जाकर होश आता है। ऐसे मामलों में महिला -पुरुष दोनों अक्सर दोनों शिकार होते रहे हैं। पढ़े-लिखे होने, इंटरनेट से परिचित, उसका उपयोग करने वाले दबे- छिपे जब-जब काम करते हैं तब-तब शिकार बनते हैं। यहां यह कहावत बिल्कुल फिट बैठती है कि बिना ठोकर खाए कोई काम नहीं संभाल सकता। शहर का फिर एक कारोबारी ऐसे ही झांसे में फंस 18 लाख गंवा बैठा।

एक अधेड़ावस्था पर पहुंच चुका कारोबारी मैरिज की इच्छा लिए कथित मैरिज ब्यूरो से संपर्क करता है। जहां उसे एक मोबाइल नंबर पर खूबसूरत युवती का डीपी लगा भेज दिया जाता है। फिर चैटिंग दर चैटिंग का दौर चलता है। 6 माह में 18 लाख ठग लिए जाने के बाद भी युवती से भेंट तक नही हो पाने के बाद पुलिस की याद आती है। फिर भौचक्का होता है जब पुलिस द्वारा गिरफ्तार महिला-खूबसूरत युवती न होकर मैरिज ब्यूरो संचालिका निकलती है। ऐसे मामले अक्सर सुनने को मिलते हैं, पुरुष वर्ग मोह माया के चक्कर में चोरी- छिपे लगे रहते हैं, पैसा गंवाये जाने एवं आजकल के आश्वासन पर जेब खाली करता-रहता है। आखिर हाथ- मलने की सिवाय कुछ हासिल नहीं होता।

ऐसे नहीं कि पुरुष ही झांसे में आते हों कई बार युवतियां भी पैसे कमाने के चक्कर में ऑनलाइन सामान (मुफ्त) मंगाने के नाम पर हजारों-लाखों रुपए गंवा बैठती है। या फिर शादीशुदा, तलाकशुदा व्यक्ति को अविवाहित मानकर सब कुछ दांव पर लगा गंवा पुलिस पास पहुंचती है।तो उधर पुरुष-महिला ज्यादा धन कमाने, किसी जालसाज, ठग,साइबर अपराधी की गिरफ्त में आकर लाखों गंवा बैठते हैं। पता चलता है तब तक देर हो चुकी रहती है। कई बार बैंक कर्मी, अधिकारी के नाम पर सामने वाला ठग लेता है। या हनी ट्रेप का शिकार हो जाते हैं। तमाम मामले में अक्सर पुलिस, बैंक वाले समझाईश देते रहें हैं कि झूठे झांसे में न आए। बैंक जाकर पता करें। किसी से मिले जाने बगैर उसके खाते में रकम ट्रांसफर न करें।

दरअसल, दिन में घर पर इंटरनेट और मोबाइल फोन में उलझे रहना, फिल्में देखना, दूर-दूर बैठकर वर्चुअल मीटिंग के बीच लगातार महिला-पुरुषों से बातचीत करते रहने से वे हजारों-लाखों की ठगी का शिकार हो जाते हैं।

पैसा कमाने का कथित शार्टकट चक्कर लोगों को दिगभ्रमित करता है। या सस्ती दर पर कोई चीज वस्तु मंगवाना भी भारी पड़ जाता है। लिहाजा इंटरनेट मोबाइल धारियों को चाहिए कि अपने सेट (मोबाइल) पर किसी भी तरह का, किसी के भी द्वारा अज्ञात द्वारा किसी परिचित नाते-रिश्तेदार का मोबाइल हैंक पैसे ,सहायता मांगे जाने या आरोपी पूछे जाने आदि या शादी का प्रलोभन पर सचेत हो फौरन संबंधित पुलिस, साइबर क्राइम एवं बैंक को सबसे पहले सूचित करें। अपने निकटवर्ती या जानकर व्यक्तियों से संपर्क करें।

(लेखक डा. विजय)

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