सावन बाद फिर सैलून गुलजार… !

रायपुर। सावन बीतते ही सैलूनों में ग्राहकी बढ़ने लगी है। सावन मास में व्रत रखने वाले ज्यादातर भक्त (सनातनी) न तो बाल बनवाते न ही दाढ़ी-मूंछ कटवाते । कई तो नाखून तक नहीं कटाते।

सनातन धर्म में आस्था रखने वाले अधिकांश पुरुषों ने सावन मास में पूरे 5 या 8 सोमवार को व्रत रखा। जिन्होंने कावड़ यात्रा भी की थी। इस बीच आस्थावन भक्तों ने न तो बाल और न ही शराब (मदिरा) का सेवन किया। शराब दुकानों में भीड़ आधा रह गई थी। दाढ़ी भी नहीं कटवाई। ऐसे भक्त बढ़ी हुई दाढ़ी-बाल के साथ 2 माह रहे। जिनमें से कई तो नख तक नहीं कटवाए।

हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों का मानना है कि सिर के बाल दाढ़ी, मूंछ, नाखून काटने से आराध्या शिव नाराज होते हैं। कई बार तो दंड मिलता है ऐसे आस्थावान पूरे 8 सप्ताह तक सैलून नहीं गए न ही घर पर सेविंग की। सावन बाद अब वे सैलून जाकर हजामत बनवा रहे हैं। लिहाजा सैलून का डेढ़- दो माह से मंदा-धंधा फिर जोर पकड़ने लगा है। इसी तरह कई सनातनी महिलाएं 8 सोमवारी व्रत विधि-विधान से करते हुए न तो नख काटी और न ही सिर- शरीर पर साबुन लगाया। ब्यूटी पार्लर भी नहीं गई। जिससे पार्लर का धंधा भी प्रभावित हुआ।

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