Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में पासपोर्ट बनवाने वालों में लगातार बढ़ोत्तरी, युवाओं में विदेश जाने का क्रेज

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Chhattisgarh News: पासपोर्ट कार्यालय सूत्रों के अनुसार शुरुआती दौर में पासपोर्ट बनाने महिनो लगते थे। किंतु कुछ अरसे पूर्व विदेश मंत्रालय ने एक अहम निर्णय लेकर ऑनलाइन पासपोर्ट बनवाने की सुविधा दे दी।
Chhattisgarh News: राज्य निर्माण बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश में पासपोर्ट बनाने की रुचि लोगों में बढ़ते जा रही है। इसके पीछे दो वजह बताई जा रही है। पहला पढ़ाई के लिए विदेश जाने, दूसरा घूमने जाने के लिए। वर्तमान में 3 लाख 83 हजार से ज्यादा लोगों के पास वैध पासपोर्ट है। राज्य गठन के पूर्व यह संख्या हजारों में थी, पर गठन बाद इसमें बढ़ोत्तरी यह भी इशारा करती है कि लोगों की आय बढ़ी है। और वे खर्च करने विदेश (घूमने) की सोच रखने लगे हैं।
छत्तीसगढ़ के लोगों में विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट बनवाने का क्रेज बढ़ा है
पासपोर्ट कार्यालय सूत्रों के अनुसार शुरुआती दौर में पासपोर्ट बनाने महिनो लगते थे। किंतु कुछ अरसे पूर्व विदेश मंत्रालय ने एक अहम निर्णय लेकर ऑनलाइन पासपोर्ट बनवाने की सुविधा दे दी। लिहाजा अर्जेंट पासपोर्ट अब महज हफ्ते भर में बन रहे हैं। बेशक अर्जेंट पासपोर्ट के लिए शुल्क थोड़ा ज्यादा लगता है। वर्तमान में सामान्य स्थिति में 15-20 दिनों में पासपोर्ट बनने लगे हैं। पुलिस वेरिफिकेशन में भी अब ज्यादा परेशानी नही होती। दरअसल ऑनलाइन पासपोर्ट बनाने की सुविधा से, पासपोर्ट दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। इसका बड़ा लाभ लोग उठाते रहे। पासपोर्ट दफ्तर सूत्रों का कहना है कि हर माह 3 से 4 हजार पासपोर्ट वर्तमान में बन रहें हैं। सन 2019 के पहले प्रदेश में 1 लाख 75 से अधिक लोगों के पास वैध पासपोर्ट थे, पर 2019 बाद बढ़ने लगे। बेशक कोविड -19 के दौर में दफ्तर धीमी रही। पर सन 2020, 2021, 2022, 2023 में यह बढ़ती चली गई। जानकारों का कहना है कि इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि पासपोर्ट बड़ी आसानी से, पहले तो कम शुल्क पर, या फिर रियायती शुल्क पर बनाए गए। दूसरा पासपोर्ट कई जगह पर राशन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक स्वयं का परिचय पत्र नही होने पर काम काम में आता है। तीसरा राशन कार्ड निगम दफ्तर का महीनों चक्कर काटने पर नही बनता पर हफ्ते- पन्द्रह दिन में पासपोर्ट बन जा रहा है। मार्च 2020 में कोरोना ने पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया, तब सब कुछ बंद था। दो साल के भीतर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी सीमित हो गईं और लोग यात्रा करने से डरने लगे, लेकिन जैसे ही स्थिति सामान्य हुई पासपोर्ट तेजी से बनने लगे। इस कारण 2020 में 20736 और 2021 में 29954 पासपोर्ट बने। इसके बावजूद 2020 की तुलना में 2021 में पासपोर्ट बनाने वालों की संख्या 71 फीसदी बढ़ गई।
युवाओं में पासपोर्ट बनवाने का क्रेज बढ़ा
खैर कुछ लोगों का ये भी कहना है कि भारत के पड़ोसी देशों की यात्रा 1 लाख रुपये के अंदर की जा सकती है. राज्य के लोगों की आय भी बढ़ी है। पासपोर्ट को एक अहम दस्तावेज के तौर पर रखने का चलन लगातार बढ़ रहा है। विदेश जाने का अवसर मिलने पर यह अनिवार्य है। इसे देखते हुए युवा पासपोर्ट बनवाने में रुचि ले रहे हैं। पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया भी आसान हो गई है। ऑनलाइन आवेदन भी शुरू हो गए हैं। अधिकांश कार्यों में इसका उपयोग सरकारी दस्तावेज के रूप में किया जा रहा है। पिछले कुछ सालों में पासपोर्ट बनवाने का क्रेज बढ़ा है। इसका उपयोग विदेश यात्रा के दौरान अधिकृत पहचान पत्र के रूप में किया जा रहा है।