Covid Vaccine: अध्ययन में दावा- हार्ट फेलियर और ब्लड क्लॉटिंग से बचा सकती है कोविड वैक्सीन
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Covid Vaccine:
Covid Vaccine: कोविड-19 वैक्सीन के प्रभावों को लेकर किए गए एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि वैक्सीन का हृदय के स्वास्थ्य पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव नही पड़ता। बल्कि वैक्सीन हार्ट अटैक के खतरे से सुरक्षा देने वाली पाई गई है।
Covid Vaccine: कोविड-19 वैक्सीन के प्रभावों को लेकर किए गए एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि वैक्सीन का हृदय के स्वास्थ्य पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव नही पड़ता। बल्कि वैक्सीन हार्ट अटैक के खतरे से सुरक्षा देने वाली पाई गई है। शोधकर्त्ताओं ने ब्रिटेन, स्पेन और एस्टोनिया में रहने वाले 2 करोड़ से अधिक लोगों के स्वास्थ्य का डेटा ततसंदर्भ में विश्लेषण किया तो पाया कि बायो एनटेक- फाइजर, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका, जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन आधे लोगों ने लगाई थी। शोधकर्त्ताओं के अनुसार ज्यादातर लोगों में इन टीकों का कोई दुष्प्रभाव नहीं पाया गया। अध्ययन का निष्कर्ष रहा कि टीके संक्रमण को कम करने में प्रभावी हैं और गंभीर जोखिमों को भी कम करते हैं। इसके पूर्व के अध्ययनों में वैज्ञानिकों ने आशंका जताई थी कि वैक्सीन से ब्लड क्लांटिग का खतरा हो सकता है। बहरहाल शोध में दावा किया गया है कि टीकों की मदद से कोरोना दुष्प्रभावों से बचाव किया जा सकता है।
दिल पर कोविड-19 वैक्सीन का असर
माना जाता है कि कोविड-19 वैक्सीन कोरोना संक्रमण और इससे होने वाले गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से बचाती है। शोधकर्ताओं का कहना है, अगर टीका लगवाने वाले लोग संक्रमण का शिकार हो जाते हैं, तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होने या मौत का खतरा कम होता है। कोविड-19 वैक्सीन के फायदों का पता लगाने के लिए किए गए एक हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कहा है कि ये टीके ह्रदय की विफलता के खतरों को कम करने में भी सहायक हो सकते हैं।
इंग्लैंड में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन लोगों ने COVID-19 टीके लगवाए हैं, उनमें हृदय विफलता का जोखिम उन लोगों की तुलना में कम है, जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है। कोरोना महामारी चार साल से अधिक समय से स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी हुई है। भले ही इन दिनों वैश्विक स्तर पर संक्रमण की रफ्तार नियंत्रण में नजर आ रही है, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि सभी को कोरोना के खतरों को लेकर सतर्क रहना चाहिए। कोरोना वायरस में लगातार म्यूटेशन हो रहा है, जिससे नए वैरिएंट उभरने का खतरा हमेशा बना रहता है।
हालांकि, दुनिया भर में व्यापक कोरोना टीकाकरण अभियान और प्राकृतिक संक्रमण से बनी हर्ड इम्युनिटी ने समय के साथ संक्रमण की गंभीरता को कम कर दिया है। शरीर पर कोविड-19 वैक्सीन के प्रभाव को लेकर कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि वैक्सीन हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, हालांकि बाद के अध्ययनों में इस दावे को खारिज कर दिया गया। कोविड-19 वैक्सीन के प्रभावों पर किए गए एक हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि वैक्सीन का हृदय स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है, बल्कि ये टीके दिल की विफलता के खतरों से बचाने में मददगार पाए गए हैं।
हार्ट जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार
हार्ट जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार, टीकाकरण के बाद एक साल तक हृदय को सुरक्षा मिलती देखी गई है। यह टीकाकरण के बाद लगभग 10-12 महीनों तक हृदय की सूजन और रक्त के थक्कों को कम करने में सहायक पाया गया है। विश्वविद्यालय में आर्थोपेडिक्स, रुमेटोलॉजी और मस्कुलोस्केलेटल विज्ञान के प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखकों में से एक, नूरिया मर्कड बेसोरा कहते हैं, हमारे निष्कर्ष इस तथ्य को पुष्ट करते हैं कि टीके संक्रमण को कम करने में प्रभावी हैं और गंभीर जोखिमों को भी कम करते हैं। ये नतीजे उन लोगों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं जो वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट के संभावित खतरे को लेकर चिंतित हैं। शोधकर्ताओं ने यूनाइटेड किंगडम, स्पेन और एस्टोनिया में रहने वाले 20 मिलियन से अधिक लोगों के स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण किया। लगभग आधे लोगों को बायोएनटेक/फाइजर, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका या जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा निर्मित टीके लगाए गए। इन टीकों को काफी फायदेमंद बताया गया है
कोविड वैक्सीन हृदय के लिए फायदेमंद
पहले के अध्ययनों में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड वैक्सीन हृदय के लिए फायदेमंद हो सकती है। वैक्सीन को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है, यह पूरी तरह से सुरक्षित पाई गई है।