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Covid-19 Update: 29 राज्यों में फैला कोरोना, जानिए कहां, कितने केस, कितनी मौतें

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Covid-19 Update: भारत में कोरोना के 500 नए मरीज मिले हैं। अब एक्टिव केस 5364 हो गए हैं। अब तक 55 की मृत्यु हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

Covid-19 Update: भारत में कोरोना तेजी से फैल रहा है। 24 घंटे में 500 नए मरीज मिले हैं। नए पॉजिटिव को मिलाकर कुल मरीजों की संख्या 10143 हो गई। 4772 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 55 की मृत्यु हो चुकी है। 5364 अभी कोरोना से लड़ रहे हैं। लगातार बढ़ते केसों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और आयुष मंत्रालय सतर्क है। सभी राज्यों के हालात पर नजर रख रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

जानिए किस राज्य में कितने एक्टिव केस, कितनी मौत
29 राज्यों में कोरोना के मरीज मिल चुके हैं। केरल में सबसे ज्यादा 1679 एक्टिव केस हैं। केरल में सबसे ज्यादा 1679 मामले हैं। इसके बाद गुजरात में 615, पश्चिम बंगाल में 596, दिल्ली में 592 और महाराष्ट्र में 548 एक्टिव केस हैं। आंध्र प्रदेश 62, असम 10, बिहार 37, चंडीगढ़ 2, छत्तीसगढ़ 24, दिल्ली 592, गोवा 8, हरियाणा 78, हिमाचल प्रदेश 1, जम्मू-कश्मीर 7, झारखंड 8, कर्नाटक 451, मध्य प्रदेश 36, मिजोरम 0, ओडिशा 23, पुडुचेरी, 12, पंजाब 21, राजस्थान 107, सिक्किम 12, तमिलनाडु 221, तेलंगाना 5, त्रिपुरा 1, उत्तराखंड 3 और उत्तर प्रदेश 205 में 596 मरीज कोरोना से लड़ रहे हैं। कोरोना से सबसे ज्यादा 17 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई है। दिल्ली 7, गुजरात 2, कर्नाटक 7, केरल 11, मध्यप्रदेश 1, पंजाब 2, राजस्थान 1, तमिलनाडु 4, उत्तर प्रदेश 2 और बंगाल में 1 की जान गई है।

12 मई को 164, अब 5364 एक्टिव केस
हांगकांग, सिंगापुर, चीन और थाईलैंड के बाद भारत में भी Covid-19 के केस लगातार बढ़ रहे हैं। 12 मई भारत में 164 केस थे। 19 मई तक 93 नए मरीज मिलने के बाद संख्या 257 हो गई। 19 से 26 मई तक 752 नए कोरोना पॉजिटिव मिले तो कोविड-19 के कुल एक्टिव केस 1009 हो गए। मौतों की संख्या 7 थी। सात दिन में 2967 नए कोविड पॉजिटिव मिले। 27 लोगों की मृत्यु हुई तो 2 जून को एक्टिव केस 3976 हो गए। कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 34 हो गई। 5 जून 564 नए मरीज मिले। एक्टिव केस बढ़कर 4866 हो गए। मरने वालों की संख्या 51 थी। 6 जून को सक्रिय मरीजों की संख्या 5364 हो गई। अब तक 55 की मृत्यु हो चुकी है।

भारत में ओमिक्रॉन के 4 सब वैरिएंट
भारत में ओमिक्रॉन के 4 सब वैरिएंट मिले हैं। इनमें जेएन.1 (JN.1), एनबी.1.8.1 (NB.1.8.1), एलएफ.7 (LF.7) और एक्सएफजी (XFG) वैरिएंट मिले हैं। सभी वैरिएंट को ज्यादा खतरनाक नहीं बताया जा रहा था। लेकिन, अमेरिकी मीडिया से आई खबर ने चौंका दिया है। सीडीसी के आंकड़ों से पता चला है कि पिछले एक सप्ताह में कोरोना ने 350 अमेरिकियों की जान ले ली है। इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे थे, जो कि उच्च जोखिम वाले समूह से थे। इनमें से ज्यादा की मौत के लिए एनबी.1.8.1 को जिम्मेदार पाया गया है। एनबी.1.8.1 में A435S, V445H और T478I नामक स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यह मानव कोशिकाओं में जुड़ने की अधिक क्षमता है। इसकी वजह से यह अधिक संक्रामक बना सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारी इस सब वैरिएंट की खास निगरानी कर रहे हैं।

जेएन.1 वैरिएंट कितना खतरनाक
सबसे पहले जेएन.1 वैरिएंट की बात करते हैं। यह दक्षिण पूर्व एशिया में इसी वैरिएंट की वजह से कोविड के मामलों में इजाफा हुआ है, जो कि ओमिक्रॉन BA.2.86 वैरिएंट का वंशज है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो JN.1 वैरिएंट के लगभग 30 म्यूटेशन हैं। इनमें से LF.7 और NB.1.8 हैं। हाल में इन कॉमन वैरिएंट के मामले सामने आए हैं। BA.2.86 तो तेजी के साथ फैलता है।

कोरोना के लक्षण 2025

सामान्य लक्षण (Most Common Symptoms)।
बुखार (हल्का या तेज)।
गला खराब होना या खराश, सिरदर्द।
शरीर दर्द या थकान।
सर्दी-जुकाम, बंद या बहती नाक।सूखी खांसी।
गंभीर लक्षण (Severe Symptoms

सांस लेने में दिक्कत या सीने में जकड़न।
लगातार खांसी के साथ बलगम।
ऑक्सीजन स्तर में गिरावट।
होश या चेतना में कमी।
तेज दिल की धड़कन।

ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट्स से जुड़े संभावित नए लक्षण

JN.1 / NB.1.8.1 जैसे वैरिएंट में तेज़ी से संक्रमण फैल सकता है, लेकिन लक्षण कुछ हल्के हो सकते हैं।
तेज़ थकान और मांसपेशियों में दर्द।
कुछ मामलों में डायरिया या पेट दर्द।
कम समय के लिए स्वाद और गंध में कमी।
बच्चों और बुज़ुर्गों में कभी-कभी त्वचा पर चकत्ते।
डॉक्टर को कब दिखाएं

2–3 दिन से ज्यादा बुखार बना रहे।
सांस लेने में दिक्कत हो।
ऑक्सीमीटर में SPO2 94% से कम आए।
सीने में दर्द या दबाव हो।
बचाव के उपाय

मास्क पहनें (भीड़, सार्वजनिक स्थानों में)
हाथ धोते रहें / सैनिटाइज़र का प्रयोग करें
लक्षण होने पर आइसोलेट हों
समय पर जांच करवाएं (RT-PCR या RAT)

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