Wed. Jul 2nd, 2025

Narendra Dabholkar Murder Case में 11 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, जानिए क्या था मामला

Narendra Dabholkar Murder Case

Narendra Dabholkar Murder Case : दाभोलकर हत्याकांड केस में 11 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है ,इस मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है।

Narendra Dabholkar Murder Case : पुणे : सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर की हत्या का मामला एक बार फिर चर्चा में है। नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड मामले में तकरीबन 11 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है। इस मामले में कोर्ट ने 2 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही तीन आरोपी बरी कर दिया गया है। कोर्ट ने सचिन अंदुरे और शरद कलस्कर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

2013 में हुई थी हत्या
नरेंद्र दाभोलकर महाराष्ट्र में अंधविश्वास के खिलाफ आंदोलन चलाते थे, जिनकी 2013 में हत्या कर दी गई थी। नरेंद्र दाभोलकर महाराष्ट्र में अंधविश्वास के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए जाने जाते थे। तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह महाराष्ट्र के पुणे शहर में ओंकारेश्वर ब्रिज पर सुबह की सैर पर निकले थे। हमलावरों ने दाभोलकर पर एक के बाद एक लगातार 5 गोलियां दागी थीं, जिनमें 2 गोलियां मिसफायर हो गईं लेकिन 2 गोलियां उनके सिर और छाती में जा लगीं। जिसके बाद उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। बता दें, हत्या के मामले को 2014 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया गया था। CBI ने आरोपियों के खिलाफ 2016 में आरोप पत्र दायर किया था।

ग्यारह साल बाद सुनाई सज़ा
डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के 11 साल बाद पुणे की एक विशेष UAPA अदालत ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि तीन अन्य को बरी कर दिया। अदालत ने ENT सर्जन डॉ. वीरेंद्र सिंह तावड़े, मुंबई के वकील संजीव पुनालेकर और उनके सहयोगी विक्रम भावे को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। अदालत ने दोनों हमलावरों सचिन अंदुरे और शरद कालस्कर को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

CBI ने अपने हाथ में लिया केस
पुणे पुलिस ने शुरुआत में इस मामले की जांच की। इसके बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद 2014 में जांच अपने हाथ में ली और जून 2016 में हिंदू दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था से जुड़े ENT सर्जन डॉ. वीरेंद्रसिंह तावड़े को गिरफ्तार कर लिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, तवाड़े हत्या के मास्टरमाइंडों में से एक था। सनातन संस्था, जिससे तावड़े और कुछ अन्य आरोपी जुड़े हुए थे, दाभोलकर के संगठन द्वारा किए गए कार्यों का विरोध करती थी।

About The Author