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अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में विराजेंगे रामलला की प्रतिमा,अभिजीत मुहर्त में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी

अयोध्या राम मंदिर : अयोध्या धाम में श्री रामलला का भव्य मंदिर तैयार हो गया है। गर्भगृह का काम पूर्ण हो चुका है। शास्त्र के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है। 22 जनवरी को एकमात्र मुहूर्त काल डेढ़ मिनट का है। जिसके बाद ढाई बरसों तक कोई मुहूर्त नहीं है। लिहाजा शास्त्र सम्मत अनुसार साधु-संत, मंदिर ट्रस्ट द्वारा निकलवाए गए मुहूर्त समय पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के तौर पर आमंत्रित किए गए हैं। वे बताए- निर्देश मुताबिक 11 दिन का उपवास एवं अन्य अनुष्ठान बतौर यजमान देख प्राण-प्रतिष्ठा हेतु गुरुवार 12 जनवरी से शुरू कर चुके हैं। श्री रामलला की नेत्रों से पट्टी का आवरण खोल कर वे साधु -संतों की मौजूदगी में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को मध्यान्ह करेंगे। नेत्रों से पट्टी हटते ही श्री रामलला सबसे पहले खुद को आईना में देखेंगे। उनके सामने एक आईना रखा जाएगा। जिसके बाद साधु-संत, यजमान व अन्य लोग दर्शन करेंगे।

प्राण-प्रतिष्ठा के पूर्व मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के ससुराल जनकपुर, नेपाल से ‘भार’ अयोध्या पहुंच चुका है। दरअसल जनकपुर मिथिला क्षेत्र अंतर्गत नेपाल में है। जो अंग्रेजों के हमले के पूर्व भारत का हिस्सा था। अंग्रेजों द्वारा किए गए हमले बाद वर्तमान में नेपाल गोरखपुर भारत की परिसीमा पर जनकपुर लगा हुआ है। जिसका एक हिस्सा भारत में भी है। शेष नेपाल में। बहरहाल मिथिला संस्कृति अनुसार दामाद के राज्याभिषेक नवनिर्मित भव्य मंदिर में विराजने पर ‘भार’ देने की परंपरा है जिसमें स्वर्णाभूषण, गहने, जेवरात, चांदी का खड़ाऊ, हीरा जड़ित ताज, वस्त्र परिधान, फल, मिठाई आदि दिया जाता है। जिसे माता सीता की जन्मस्थल जनकपुर से लेकर 500 से अधिक साधु-संत स्त्री-पुरुष बाकायदा उसी रास्ते मार्ग अयोध्या पहुंचे जिस रास्ते महाप्रभु श्रीराम माता सीता को ब्याहकर अयोध्या लेकर आए थे। जिनका यहां पहुंचने पर मंदिर ट्रस्ट ने भव्य स्वागत किया था।

प्राण-प्रतिष्ठा हेतु श्री राम लला के बाल काल 8 वर्ष उम्र की तीन प्रतिमाएं अलग-अलग शिलाओं पर तीन मूर्तिकारों ने अलग-अलग बनाई है। जिनमें से किसी एक प्रतिमा को गर्भगृह पर स्थापित किया जाएगा। शेष 2 प्रतिमाओं पर ट्रस्ट को अभी निर्णय करना बाकी है। गर्भगृह में श्री रामलला के साथ आधा दर्जन से अधिक देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी रहेंगी।

प्राण-प्रतिष्ठा समारोह हेतु अनुष्ठान 16 जनवरी से शुरू हो जाएगे। विभिन्न राज्यों से पहुंचे साधु-संत, आचार्य यज्ञ कार्य करेंगे। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण भारत समेत दुनिया के 80 देशों में देखा जाएगा। जो लाइव होगा। कई देशों ने समारोह देखने दो-तीन घंटे का अवकाश निर्धारित समयावधि में घोषित कर रखा है। नेपाल स्थित जनकपुर में इस अवसर पर विशेष समारोह पूजा-पाठ मंदिर में होगा। सीता मंदिर में भी समारोह रखा गया है।

समारोह में 8000 लोगों को आमंत्रित किया गया है। कुछ को सीधे जाकर तो कुछ को कोरियर से आमंत्रण प्रेषित किया गया है। साढ़े चार हजार साधु-संत, ढाई हजार विशिष्टजन जो अपने-अपने क्षेत्रों में महारत रखते हैं आमंत्रित हैं। इसमें विदेश के लोग भी शामिल हैं। शहीद हुए कार सेवकों के परिजनों में एक-एक सदस्य को आमंत्रण भेजा गया है। शहीदों के नामों वाली एक स्तंभ मंदिर के नजदीक परिसर में ही बनाया गया है।बहरहाल अयोध्या के चप्पे-चप्पे में सुरक्षा व्यवस्था की गई है। 20 जनवरी से बाहरी लोगों का प्रवेश निषेध रहेगा। तमाम होटलों, धर्मशालाओं,लाजो को खंगाला जा रहा है। विशिष्ट अतिथियों की सुरक्षा के मददेनजर ऐसा किया जा रहा है। बाहर से कोई वाहन नही आ पाएगा। शहर के सभी रास्ते सील रहेंगे।

फिलहाल श्री रामलला जहां विराजे हैं वहां 500 मीटर की परिधि पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था है तीन चरणों वाली सुरक्षा व्यवस्था के तहत इस इलाके में रहने वाले लोग अपने घर जाते समय परिचय पत्र, पास दिखाते हैं। अयोध्या धाम में दर्जनों ड्रोन से नजर रखी जाएगी। पूरा धाम इस वक्त सीसीटीवी की निगाह में है। प्रत्येक गली, चौक-चौराहे प्रतिष्ठान पर सुरक्षा दस्ते की नजर है।

उधर भव्य नवनिर्मित विमानतल तैयार हो चुका है। जहां वायुयान टेकऑफ लैंडिंग का सफल परीक्षण कर लिया गया है। विमानतल के प्रवेश द्वार को श्री राम मंदिर की प्रतिकृति सदृश्य बनाया गया है। इसी तरह नामकरण भी श्री रामलला के नाम पर विमानतल का नाम रखा गया है।

रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हो चुका है। पहले जहां अप-डाउन दो लाइनें ही थी। छोटा सा स्टेशन था आज वहां 11 प्लेटफॉर्म बन चुके हैं। स्टेशन का नामकरण अयोध्या धाम रखा गया है। फर्स्ट क्लास सुविधा व्यवस्था स्टेशन में उपलब्ध है। 50 हजार यात्रियों की क्षमतानुसार बनाया गया है। तमाम राज्यों से यहां सीधे-ट्रेन आएगी जाएगी। सैकड़ो प्रमुख शहरों से अयोध्या जुड़ चुका है। 400 से अधिक ट्रेन यहां रेलवे शुरू कर रहा है।प्राण-प्रतिष्ठा समारोह स्थल से 1 किलोमीटर दूर तमाम अतिथियों के वाहन पार्क होगे। वहां से अतिथियों को पैदल या ई रिक्शा से समारोह स्थल पहुंचाया जाएगा। एक ई रिक्शा में 2 सवारी होंगे। प्रत्येक अतिथि के साथ एक सहायक ट्रस्ट उपलब्ध करा रहा है। समारोह परिसर के अंदर आम हो या खास नंगे पैर जाना होगा। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह करीब 2 घंटे चलेगा। जिसके उपरांत दोपहर भोज की व्यवस्था रखी गई है। ढाई लाख लोगों के लिए 11 स्थानों पर भण्डारा कार्यक्रम दिनभर चलेगा। अयोध्या में शाम को दीपावली जैसा दीपोत्सव होगा। आतिशबाजी होगी। पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की है कि वे अपने घरों में साफ-सफाई करें एवं कम से कम 5 दीए जलाए। मंदिरों में स्वच्छता अभियान चलाए। पूजा- पाठ करें। आतिशबाजी करें। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह गुरुवार 22 जनवरी को मध्यान्ह है। पर अनुमान है कि प्रमुख यजमान होने की वजह से पीएम मोदी 21 जनवरी की देर शाम अयोध्या धाम पहुंच सकते हैं। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है। उधर देश भर से आमंत्रित साधु संतों की समिति ने ट्रस्ट से अपील की थी कि बुजुर्ग या चलने में असमर्थ संतों के साथ सहायक एवं व्हील चेयर हो जिसे ट्रस्ट ने स्वीकार कर लिया है।

गौरतलब हो कि राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के उपरांत न्यायालय के निर्देश मुताबिक राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति ट्रस्ट का गठन किया गया था। जो राम भक्तों से चंदा लेकर मंदिर निर्माण एवं प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजन करा रही है। केंद्र या राज्य सरकार का इसमें कोई वित्तीय सहयोग नहीं है। चंदे के तौर पर 3300 करोड रुपए एकत्रित होने की बात सामने आ रही है। हालांकि इसकी पुष्टि ट्रस्ट ने नही की है। पर विहिप ने मौखिक तौर पर कहा है कि सारा खर्च व्यवस्था ट्रस्ट कर रही है। विहिप सिर्फ बतौर सहायक कार्य कर रही है। उधर अयोध्या के तमाम अन्य मंदिरों में भी रंग रोगन, साज-सजावट रिनोवेट किया गया है। हनुमानगढ़ी की ओर श्री राम मंदिर रास्ता जाने वाले दोनों प्रमुख मार्गों का चौड़ीकरण हो चुका है। दुकान, मकान एक जैसे प्रतिकृति, कलर के लिए हुए हैं। प्रत्येक दुकान के शटर पर श्री राम मंदिर का चित्र बनाया गया है। सरयू घाट चकाचक हो गया है वहां वोटिंग का आनंद ले सकते हैं। तमाम घाट सजे सांवरे हैं।

23 जनवरी से मंदिर दर्शन वास्ते आमजनों के लिए खोल दिया जाएगा। किसी भी राम भक्त को दर्शन एवं धाम भ्रमण में कोई तकलीफ न हो। इसका विहिप कार्यकर्ता एवं ट्रस्ट कार्यकर्ता ध्यान रखेंगे। उन्हें ठहरने, भोजन पानी एवं भ्रमण संबंधित व्यवस्था करायेंगे। टेंट में साधु संतों,अतिथियों, आमजनों के लिए बसाई गई है। जहां व्यापक व्यवस्था है। अतिथियों वाली टेंट  स्टार होटल वाली है। हजारों लोग टेंट में रहेंगे। हजारों एकड़ जमीन पर टेंट बसाई गई है। जिसे एशिया की सबसे बड़ी टेंट सिटी करार दिया जा रहा है। प्रमुख यजमान पीएम नरेंद्र मोदी को भव्य श्री राम मंदिर की 15 मीटर ऊंची प्रतिकृति जूट के थैले में रखकर प्रदान की जाएगी। वही शेष विशिष्ट अतिथियों को राम जन्म भूमि की रज (मिट्टी धूल) पैकेट में तथा काशी मथुरा से निर्मित महा लड्डू प्रसाद पैकेट में दिया जाएगा। बहरहाल, पूरी अयोध्या राममय हो गई है। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक छोटे-बड़े कारोबारियों की आय पहले की तुलना में 8-10 फीसदी बढ़ी है। खैर, जो रामभक्त मंदिर निर्माण से पहले (7-8 साल पहले) अयोध्या गए थे, जब वे वहां पहुंचेंगे तो उन्हें बदला हुआ और चमचमाता हुआ विशाल अयोध्या धाम दिखाई देगा।

(लेखक डा. विजय)

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