सब्जियों के बढ़ते दर, रोकथाम नियंत्रण हेतु प्रशासन सीधे पहल करें

उत्पादक दलाल, थोक, चिल्हर विक्रेता, आमजन से सीधे संवाद करें
दूसरा कोई चारा नहीं फिलहाल – उत्पादक

रायपुर। थोक सब्जी मंडी एवं तमाम चिल्हर सब्जी बाजारों में एक दर तय करने प्रशासन को तत्काल पहल करनी चाहिए, दूसरा कोई चारा नहीं, फिलहाल सब्जियों के दरों में सुरसा के मुख के समान बढ़ोत्तरी ने आमजन के खाने-पीने का सामान्य स्वाद भी छीन लिया है।

राजधानी समेत प्रदेश के अंदर तमाम सब्जी मंडियों में पिछले माह -डेढ़ माह से दरों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। थोक सब्जी बाजार के जिम्मेदार महज आवक कम – डिमांड ज्यादा बता पल्ला झाड़ ले रहे हैं।

आधा दर्जन से अधिक सब्जियों समेत टमाटर, लहसुन, धनिया, मिर्ची तक का चिल्हर भाव 100 से 140 रुपए से ऊपर चल रहा हैं। जो अपने आप में रिकॉर्ड है।

प्रशासन को हालात की वास्तविकता जानने जांच पड़ताल करनी चाहिए। मसलन उत्पादक कहां-कहां से। उनका लागत प्लस लाभांश। ट्रांसपोर्टिंग बाद रायपुर समेत अन्य शहरों की बड़ी मंडियों में थोक या दलाल किस दर पर माल उठा रहे हैं। तीसरा चिल्हर वालों को थोक विक्रेता अपने लाभांश के बाद किस दर पर माल दे रहे हैं। चिल्हर वाले अपने गंतव्य तक ट्रांसपोटिंग प्लस लाभांश लेकर कितना या किस भाव से सब्जी आम ग्राहक को बेच रहा है, यह जांच की जाए।

अगर जिला स्तर पर निगरानी शुरू कर दी जाए एवं उपरोक्त सुझाव को अमल में लाने के बाद चिल्हर वालों के लिए रोज एक दर (अधिकतम) तय कर दी जाए तो आम जनता को बड़ी राहत मिलेगा।

मोबाइल का युग है। जैसे मौसम विभाग अलग-अलग इलाकों में समस्त मोबाइल धारक लोगों को परिस्थितियों के आधार पर अनुमान रोजाना भेजता है। ठीक वैसे ही व्यवस्था प्रशासन हर जिले की थोक सब्जी मंडी का आंकलन कर वहां के (जिलों) मोबाइल धारक प्रत्येक व्यक्ति रोज का भाव भेजे। इस व्यवस्था से काफी हद तक राहत आमजनों को मिलेगी। साथ ही बड़ी थोक सब्जी मंडीयों में होने वाली अनियमितताएं उजागर होंगी। चिल्हर वालों को भी नुकसान नहीं होगा। प्रशासन चाहे तो यथासंभव परिस्थिति देख स्थानीय लोगों से राय-सुझाव मांगे।

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