BIG BREAKING : छत्तीसगढ़ का कोल ब्लॉक घोटाला : विशेष अदालत ने पूर्व कांग्रेस सांसद विजय दर्डा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को ठहराया दोषी

नई दिल्ली। दिल्ली की स्पेशल कोल कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक के आवंटन में बरती गई अनियमितत्ता को लेकर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस मामले में सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है। इनमें पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा, विजय दर्डा के बेटे देवेंद्र दर्डा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और दो वरिष्ठ अधिकारी केएस कोरफा और केसी समरिया, एम/एस यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और इसके डायरेक्टर मनोज कुमार जायसवाल शामिल हैं।
अदालत ने आरोपी को आपराधिक साजिश (आईपीसी की धारा 120-बी के तहत दंडनीय) और धोखाधड़ी (आईपीसी की धारा 420 के तहत दंडनीय) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया।
सजा की अवधि पर 18 को होगी बहस
इन लोगों की सजा की अवधि पर अदालत 18 जुलाई को दलीलें सुनेगी। अदालत ने वरिष्ठ लोक अभियोजक ए पी सिंह की दलीलों को स्वीकार कर लिया कि सीबीआई सभी उचित संदेहों से परे अपना मामला साबित करने में सक्षम थी। इसने 20 नवंबर, 2014 को मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और मामले की आगे की जांच करने का निर्देश दिया था, जिसमें कहा गया था कि पूर्व सांसद ने तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्रों में तथ्यों को “गलत तरीके से प्रस्तुत” किया था, कोयला मंत्रालय भी उन्हीं के पास था।
अदालत ने कहा था कि लोकमत समूह के अध्यक्ष विजय दर्डा ने छत्तीसगढ़ में फतेहपुर (पूर्व) कोयला ब्लॉक को जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित कराने के लिए ऐसा किया था।
बता दें कि CBI ने आवेदनों में गलत बयानी और झूठे दावों, प्रस्तुतीकरण और मिलीभगत या लोक सेवक की ओर से उचित परिश्रम की कमी के आधार पर कोयला ब्लॉक आवंटित करने से संबंधित आरोपों को लेकर मामला दर्ज किया था।