सीएम बघेल ने ऊर्जा नगरी कोरबा में क्रिटिकल पॉवर स्टेशन की रखी आधारशिला, आधुनिक बिजली संयंत्रों में से एक होगा

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के क्षेत्र में नई ऊंचाई प्रदान करने हेतु कोरबा जिले में 1320 मेगावाट के सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर स्टेशन कोरबा का शिलान्यास किया । नई (9.78 करोड़ प्रति मेगावॉट) होगी। यहां पर 660 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित होंगी।
राजीव गांधी के नाम पर होगा नया संयंत्र
इस मौके पर आयोजित आमसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संयंत्र का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम पर रखने की घोषणा की। उन्होंने जिलेवासियों को अब तक के सबसे बड़े 1320 मेगावाट के पावर प्लांट के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरबा ऊर्जा की राजधानी है। प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने वर्ष 1957 में यहां बिजली प्लांट की शुरूआत की थी।
उन्होंने बताया कि संयंत्र स्थापित करने के लिए पर्यावरण अनुमति और कोयला की अनुमति मिल चुकी है। सारी प्रक्रिया बहुत तेज हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2028 तक इसे शुरू कर लेंगे ऐसा विश्वास है। बघेल ने कहा कि बिजली की खपत प्रति व्यक्ति सबसे ऊपर है, देश में सबसे ज्यादा है। 42 लाख परिवार को आधा रेट में 400 यूनिट तक बिजली दे रहे हैं। प्रदेश सरकार ने किसानों को 12357 करोड़ की सब्सिडी उपलब्ध कराई है। बिजली विभाग इस मामले में लगातार समर्पित है। अब बिजली उत्पादन बढ़कर 4300 मेगावाट हो जाएगी। साथ ही हम सोलर उर्जा पर भी काम कर रहे हैं, पन बिजली पर भी काम कर रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलेवासियों को बिजली का संयंत्र के लिए बधाई दी। उन्होंने मेडिकल कालेज उनके पिता स्व. बिसाहू दास महंत के नाम पर करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अभी तक कहीं भी एक बार में 13 हजार 382 करोड़ का काम नही किया गया है, ये काम सिर्फ आज कोरबा में हो रहा है। इतना काम तो पाटन और अंबिकापुर में भी नहीं हुआ। महंत ने कहा कि मुख्यमंत्री के कामों ने पूरे देश में छत्तीसगढ़ को नई पहचान दिलाई है।
उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने इस मौके पर कहा कि विकास के काम पूरे हो रहे है। संवेदनशील मुख्यमंत्री ने छतीसगढ़ को संभाले रखा है। दिल्ली वालों से मणिपुर नहीं संभल पा रहा है। आज पॉवर प्लांट का भूमिपूजन हुआ है, क्रिटिकल पॉवर प्लांट से प्रदूषण कम होगा और बिजली मिलेगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में कोयले से बिजली नहीं बल्कि पानी से बिजली बनाई जाएगी और छतीसगढ़ में पांच ऐसी पन बिजली परियोजनाएँ बनाने की योजना है। आज भूमिपूजन हुआ है और सरकार चाहती है की इसे अगले चुनाव से पहले प्रदेशवासियों को समर्पित कर दे। छतीसगढ़ को बिजली कटौती मुक्त राज्य का दर्जा क़ायम रखना है।
सांसद दीपक बैज ने कहा कि पहली बार कोरबाआया हूं। बस्तर का सांसद हूं। कोरबा में आज विकास की नई गाथा लिखी गई। पॉवर प्लांट, लाइब्रेरी की सौग़ात मिली है। सरकार को धन्यवाद देता हूं जो विकास के लिए काम कर रहे है, उन्होंने बस्तर क्षेत्र में बिजली पानी इलाज सुविधाओं के विकास की जानकारी दी और कहा कि सरगुज़ा से बस्तर तक विकास की गंगा बहा दी गई है।
प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा आधुनिक संयंत्र होगा
वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी की कुल उत्पादन क्षमता 2978.7 मेगावाट है। राज्य स्थापना के समय उत्पादन क्षमता 1360 मेगावाट थी। वर्तमान में छत्तीसगढ़ जीरो पॉवर कट स्टेट बना हुआ है। प्रदेश में तेज गति से हो रहे आर्थिक विकास से बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए कोरबा में 660-660 मेगावाट की दो नई इकाइयों की स्थापना की जा रही है। 1320 मेगावाट का यह सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर स्टेशन प्रदेश का सबसे बड़ा और आधुनिक संयंत्र होगा। इससे एक ओर प्रदेश बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होंगा वहीं दूसरी ओर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।