Civil Defence Drill: देश के 244 जिलों में वॉर मॉक ड्रिल कल; गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

Civil Defence Drill: 7 मई को देशभर के 244 जिलों में वॉर मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला किया है। इस ड्रिल के लिए मंगलवार को गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई, जिसमें राज्यों के मुख्य सचिवों और सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
Civil Defence Drill: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सुरक्षा तैयारियों को गंभीरता से लेते हुए 7 मई को देशभर के 244 जिलों में वॉर मॉक ड्रिल करने का फैसला किया है। इस ड्रिल के लिए मंगलवार को गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई, जिसमें राज्यों के मुख्य सचिवों और सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
मंत्रालय की ओर से बताया गिया कि मॉक ड्रिल 7 मई को देश भर के 244 वर्गीकृत नागरिक सुरक्षा जिलों में किया जाएगा। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच यह निर्देश दिया गया है।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में बताया गया कि मॉक ड्रिल में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन के संचालन के लिए तैयारियों की जांच की जाएगी। नागरिकों को विदेशी हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए नागरिक सुरक्षा के पहलुओं से अवगत कराया जाएगा।
1971 के बाद पहली बड़ी सिविल डिफेंस ड्रिल
यह 1971 के युद्ध के बाद पहली बार है जब देशभर में इतने बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की जा रही है। इसका मकसद आपातकालीन स्थितियों, खासकर एयर स्ट्राइक या युद्ध जैसे हालात में आम नागरिकों और प्रशासनिक तंत्र को तैयार करना है।
क्या होगा मॉक ड्रिल में?
- सायरन बजाए जाएंगे, जिसके बाद ब्लैकआउट लागू होगा।
- लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का अभ्यास कराया जाएगा।
- अस्पतालों, अग्निशमन विभाग और आपदा प्रबंधन टीमों की तैयारियों की जांच की जाएगी।
पंजाब के 20 जिलों में मॉक ड्रिल
पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “राज्य के 20 जिलों में मॉक ड्रिल की जाएगी। सिविल डिफेंस, पंजाब पुलिस की टीमें गृह मंत्रालय के साथ मिलकर कल मॉक ड्रिल करेंगी। हमें अपनी 500 किलोमीटर की सीमा और नागरिकों की सुरक्षा करनी है।”
पीएम मोदी ने सेना प्रमुखों के साथ की चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले एक हफ्ते में तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक कर सुरक्षा तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की। पहलगाम हमले के बाद सरकार ने साफ कर दिया है कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
क्यों जरूरी है यह ड्रिल?
- युद्ध या आपातकालीन स्थिति में नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- प्रशासनिक मशीनरी की तैयारियों को परखना।
- आम जनता को संकट के वक्त कैसे प्रतिक्रिया देनी है, इसकी ट्रेनिंग देना।
इस ड्रिल के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश किसी भी बाहरी आक्रमण या आपात स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार रहे।