Sun. Jul 6th, 2025

Chhattisgarh News: सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में नए सत्र की शुरुआत

Chhattisgarh News:

Chhattisgarh News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत सत्र 2024-25 से स्नातक प्रथम वर्ष से वार्षिक शिक्षण पद्धति से पढ़ाई नही होगी। बल्कि सेमेस्टर प्रणाली लागू होगी।

Chhattisgarh News रायपुर। केंद्र सरकार के निर्देश बाद आखिरकार प्रदेश के तमाम विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू कर दी गई है। इसके तहत अगले सत्र से 2024-25 शिक्षा व्यवस्था में कई परिवर्तन होंगे।

नए शैक्षणिक सत्र से सेमेस्टर प्रणाली लागू होगी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत सत्र 2024-25 से स्नातक प्रथम वर्ष से वार्षिक शिक्षण पद्धति से पढ़ाई नही होगी। बल्कि सेमेस्टर प्रणाली लागू होगी, जो सभी विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों में प्रथम वर्ष से प्रभावशील हो रही है। इससे नियमित, अनियमित यानी प्राइवेट छात्र भी शामिल है। इसे लेकर तमाम विश्वविद्यालय अपने से संबंध विद्यालयों को साथ लेकर बैठक कर रहें है। इस क्रम में रविशंकर विश्वविद्यालय में भी शुक्रवार को प्राचार्यों की बैठक हुई।

सेमेस्टर के बाद छात्र पीएचडी की पढ़ाई कर सकते हैं

सेमेस्टर प्रणाली यानी वर्ष में 6 माह का कोर्स होगा और हर 6 माह बाद परीक्षा होगी। स्नातक पाठ्यक्रम 3 वर्षीय न होकर 4 वर्षीय होगा। पहला वर्ष पूरा करने के बाद कोई विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ता है, तो उसे सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इसी तरह 2 वर्ष की अवधि पूरी कर छोड़ता है, तो डिप्लोमा तथा 3 वर्ष पढ़ाई पूरी करता है, तो स्नातक की उपाधि दी जाएगी। चौथे वर्ष में प्रवेश के लिए जो विद्यार्थी स्वेच्छा से आगे आयेगे उन्हें तभी प्रवेश मिलेगा जब उनका 3 वर्ष के उपाधि कोर्स 75 प्रतिशत अंक के साथ पूरा रहेगा। मोटे तौर पर स्नातक के तीनों वर्ष का कुल जोड़ का औसत 75% होना चाहिए। चौथा वर्ष पूरा करने पर संबंधित विषय में स्नातकोत्तर(ऑनर्स) की उपाधि मिलेगी। जिसके बाद विद्यार्थी चाहे तो पीएचडी कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा में बैठ सकता है।

विद्यार्थी में विषय संबंधित ज्ञान बढ़ेंगे

मोटे तौर पर देखे तो यह नीति एक प्रदेश एक अध्यादेश पर आधारित होगी। अध्यादेश सरकारी व निजी दोनों तरह के विश्वविद्यालयों पर समान रूप से लागू होगी। जानकारों का कहना है कि इस नीति से शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ेगी। अगर कोई विद्यार्थी किन्ही भी कारणों से एक या दो वर्ष बाद कॉलेज ड्रॉप कर जाता है, तो उस आधार पर उसे सर्टिफिकेट डिप्लोमा मिलेगा। वार्षिक शिक्षण पद्धति हटने से सेमेस्टर प्रणाली से अध्ययन होगा जिससे विषय संबंधी ज्ञान बढ़ेगा।

(लेखक डा. विजय)

About The Author