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Chhattisgarh News: रेल मंत्री ने छत्तीसगढ़ के यात्रियों को दी बड़ी सौगात, जानिए चार रेल लाइनों से किन क्षेत्रों को होगा फायदा

Chhattisgarh News:

Chhattisgarh News: प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय ने नई दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। जहां से वे प्रदेश के लिए खुशियों का खजाना लेकर आए। सीएम साय ने केंद्रीय रेल मंत्री से प्रदेश की विभिन्न नई रेल परियोजनाओं पर चर्चा की।

Chhattisgarh News रायपुर। प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय ने नई दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। जहां से वे प्रदेश के लिए खुशियों का खजाना लेकर आए। सीएम साय ने केंद्रीय रेल मंत्री से प्रदेश की विभिन्न नई रेल परियोजनाओं पर चर्चा की। रेल भवन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात में मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए रेल नेटवर्क के विस्तार की जरूरत पर बल दिया। रेल मंत्री ने उनकी बात को स्वीकार करते हुए इन परियोजनाओं पर तेजी से काम करने का आश्वासन दिया।

छत्तीसगढ़ में रावघाट-जगदलपुर समेत 36,500 करोड़ रुपए की लागत से चार रेल परियोजनाएं जल्द शुरू होंगी। परियोजनाओं की संभावनाओं और लाभों को स्वीकार करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को तेजी से काम करने का भरोसा दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चारों परियोजनाएं छत्तीसगढ़ के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। रेल मंत्रालय इन्हें प्राथमिकता देगा।

इन रेल प्रोजेक्ट से प्रदेश को मिलेगी आर्थिक तेजी

बैठक के दौरान सीएम साय ने राज्य की चार बड़ी रेल परियोजनाओं धरमजयगढ़-पत्थलगांव, लोहरदगा नई लाइन परियोजना, अंबिकापुर-बरवाडीह नई लाइन परियोजना, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा नई रेल लाइन परियोजना और रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन परियोजना को जल्द शुरू करने का अनुरोध किया। सीएम विष्णुदेव साय के साथ डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी मौजूद थे।

धर्मजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा रेल लाइन प्रोजेक्ट

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह परियोजना क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है। 240 किलोमीटर की यह रेल परियोजना पत्थलगांव, कुनकुरी, जशपुर नगर, गुमला आदि महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है। यह उत्तरी छत्तीसगढ़ क्षेत्र को झारखंड से जोड़ेगी। इस रेल लाइन के अंतर्गत कोरबा-धरमजयगढ़ परियोजना का कार्य प्रगति पर है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र कोरबा को लोहरदगा से जोड़ने की योजना है। इसके अलावा यह क्षेत्र को पूर्व में कोरबा और रांची के होकर मध्य भारत से जोड़ेगी। प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 16,000 करोड़ रुपये है।

अंबिकापुर-बरवाडीह नई लाइन परियोजना

इस परियोजना के माध्यम से देश के उत्तरी और पूर्वी भागों में कोयला और अन्य खनिजों के परिवहन के लिए एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 9000 करोड़ रुपये है। राज्य की 200 किलोमीटर लंबी इस परियोजना की मांग आजादी से पहले 1925 में की गई थी। हालांकि, 1948 में मंजूरी मिलने के बावजूद यह परियोजना अब तक अधूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना अंबिकापुर (उत्तरी छत्तीसगढ़) को बरवाडीह (झारखंड) और परसा, राजपुर, चंदनपुर आदि महत्वपूर्ण शहरों से जोड़ेगी।

खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा नई रेल लाइन परियोजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना देश के पश्चिमी क्षेत्र में कोयला खदानों, एसईसीएल और एमसीएल कोयला खदानों की निकासी के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराती है। यह बिलासपुर और रायपुर स्टेशनों को बायपास करके बलौदाबाजार सहित समृद्ध क्षेत्र को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इसकी कुल दूरी 277 किलोमीटर है। वहीं, परियोजना की अनुमानित लागत करीब 8000 करोड़ रुपए है।

रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन प्रोजेक्ट

रेलवे पहले से ही दल्ली-राजहरा-रावघाट की 95 किलोमीटर नई रेल लाइन का निर्माण कर रहा है। मुख्यमंत्री साय ने सुझाव दिया कि इस लाइन को जगदलपुर तक 45 किलोमीटर बढ़ाया जाना चाहिए। ताकि आदिवासी क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास हो सके। यह परियोजना छत्तीसगढ़ के खनिज समृद्ध क्षेत्र से इस्पात उद्योगों तक लौह अयस्क की निकासी के कुशल और पर्यावरण अनुकूल साधन प्रदान करेगी। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 3500 करोड़ रुपये है। वहीं, 45 किमी और आगे बढ़ाने पर इसकी कुल दूरी 140 किमी की हो जाएगी

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