Chhattisgarh News: नए कानून पर कोर्ट में पेश करना होगा डिजिटल साक्ष्य, पुलिस थाने कैसे उठाएंगे पेन ड्राइव का खर्चा !

Chhattisgarh News:1 जुलाई से लागू होने वाले नए कानून में गवाहों और घटनास्थल की वीडियो-ऑडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी जाएगी। सीधी सी बात है, पुलिस को हर केस के लिए अलग पेन ड्राइव की जरूरत होगी।
Chhattisgarh News रायपुर। 1 जुलाई से लागू हो रहे नए कानून में गवाहों, घटनास्थल की वीडियो-ऑडियो रिकॉर्डिंग को अनिवार्य कर दिया जाएगा। सीधी सी बात पुलिस को हर एक मामले के लिए अलग पेन ड्राइव की जरूरत पड़ेगी। पुलिस महकमे में चर्चा है कि वीडियोग्राफी व डिजिटल साक्ष्य का खर्च थाने कैसे उठाएंगे।
नए कानून को लेकर इन दिनों विवेचना अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पुलिस का ज्यादातर ध्यान इसी पर केंद्रित है। रोजाना प्रशिक्षण व सेमिनार हो रहे है। दरअसल, पहली जुलाई से नए कानून अंतर्गत काम करना होगा। लिहाजा, बिंदुवार वरिष्ठ अधिकारियों, विभागीय विधि विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। क्योंकि नए कानून में धाराएं बदल रही है, तो वहीं कुछ में सजाएं भी। स्वाभाविक तौर पर विवेचना का तरीका बदल गया है तकनीकी साक्ष्य को मान्यता दी गई है। अगर किसी तरह की समस्या आएगी तो उसे वरिष्ठ अधिकारियों के सहारे पुलिस हेडक्वार्टर, गृहविभाग को अवगत करा सलाह ली जाएगी।
विवेचना अधिकारी बताते हैं कि डिजिटल साक्ष्य में वीडियो कैमरे का सबसे ज्यादा महत्व होगा। वैसे मोबाइल से भी रिकॉर्डिंग हो जाएगी। बावजूद थानों में वीडियो कैमरे रखने ही पड़ेंगे। उसी से ज्यादातर गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए जायेंगे। यहां अनसुलझा सवाल पैदा होता है किसी मामले की सुनाई में यदि बचाव पक्ष ने वीडियो कैमरे को लेकर सवाल किए और उसे कोर्ट में सुनवाई के मध्य जमा करना पड़ा तो क्या होगा ? इससे नई समस्या खड़ी होगी। थाने में एक दो नहीं ज्यादा कैमरे (वीडियो) रखने होंगे। इस्तेमाल हेतु विवेचना अधिकारी को प्रशिक्षण देना होगा। फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि थानेदार वीडियो कैमरे दिए जाएंगे या कि सब डिवीजन स्तर पर यानी चार थानों को मिलाकर एक।
उधर पुलिस महकमे में चर्चा है कि वर्तमान में पुलिस थाने स्टेशनरी का खर्च उठा नहीं पा रहे हैं। अंदर की खबर है कि रिपोर्ट लिखाने वाले से अघोषित खर्च स्टेशनरी पर लेकर रिपोर्ट लिखवाने वाले बिना नाम बताते शिकायत करते हैं। या विवेचना अधिकारी इधर-उधर से खर्च निकालते हैं। कुल जमा स्टेशनरी खर्च विभाग थानों को कमतर देता है। ऐसे में पेन ड्राइव, ऑडियो, वीडियो, कैमरे का खर्च कई गुना रहेगा। अनुमानतः प्रत्येक थाने का मासिक एक लाख सालाना 12 लाख हालांकि एक पुलिस अधिकारी कहते हैं कि नए कानून के तहत नया बजट भी मंजूर होगा। बहरहाल पुलिस थानों की काम बढ़ेगी। पूछताछ गवाही के दौरान गंभीरता रखनी होगी। क्योंकि रिकॉर्ड होते रहेगा। दूसरी ओर एक अन्य सवाल उपज रहा है कि रिपोर्ट लिखवाने वाला एवं गवाह क्या कैमरे के आगे या देख के सामने उसी तरह खुलकर अपनी बात कह पाएगा जैसे कि वर्तमान रिपोर्ट लिखवाते वक्त करता है।