Chhattisgarh News: पुलिस की डिक्शनरी से हटेंगे जुर्म-कत्ल जैसे 69 उर्दू और फारसी के शब्द, गृहमंत्री ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
![Chhattisgarh News:](https://eglobalnews.in/wp-content/uploads/2024/06/da329e1c-f157-4893-8446-ad0292ad164f-1024x576.jpeg)
Chhattisgarh News: गृहमंत्री विजय शर्मा ने पुलिस द्वारा उपयोग में लाए जा रहे उर्दू -फारसी शब्दों को हटाकर उनकी जगह सरल हिंदी शब्द जोड़ने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
Chhattisgarh News रायपुर। प्रदेश के थानों में एफआईआर दर्ज करने वाले पुलिसकर्मियों तक को नही मालूम कि जामातलाशी,फौत, मजरुख,चिक खुराक,नकल चिक, माल मसरूका हाजा आदि उर्दू-फारसी शब्दों को हिंदी में क्या कहा जाता है।
दरअसल, पुलिस डिक्शनरी में उर्दू-फारसी के शब्द दर्ज है। इसलिए एफआईआर लिखते वक्त उपरोक्त शब्दों का उपयोग किया जाता है। यानी उर्दू-फारसी शब्दों का सामान्य बोलचाल के दौरान उक्त शब्द चलन या प्रचलन में नही है। फिर भी 69-70 से ज्यादा उर्दू-फारसी और अन्य भाषाओं के जटिल शब्दों का उपयोग किया जा रहा है।
दरअसल, अंग्रेजों के जमाने में सन 1861 में पुलसिंग और भारत व्यवस्था के लिए पुलिस अधिनियम लागू किया गया था। जिसके बाद से हिंदी भाषी राज्यों में अरबी, उर्दू, फ़ारसी और अन्य भाषाओं का उपयोग किया जा रहा है। अंग्रेजों ने अपने सहूलियत के हिसाब से इसका इस्तेमाल 1947 तक जारी रखा। पर तब से 75 साल हो गए मुल्क को आजाद हुए। पर उपरोक्त शब्द वाली ज्यों का त्यों इस्तेमाल हो रहा है।
नतीजन आम जनता, पीड़ित व्यक्ति, आरोपी आदमी, पुलिस कार्यप्रणाली को समझ नही पाता। कई तो घबरा जाते हैं और वकीलों का चक्कर काट पैसा लुटाते हैं मजबूरन। उक्त स्थिति को देखते हुए गृहमंत्री विजय शर्मा ने पुलिस द्वारा उपयोग में लाए जा रहे उर्दू -फारसी शब्दों को हटाकर उनकी जगह सरल हिंदी शब्द जोड़ने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया कि पुलिस द्वारा लिखा-पढ़ी, बोलचाल में उर्दू-फारसी शब्दों को हटाकर उनकी जगह सरल हिंदी शब्दों का प्रयोग करने कहा गया है। गौरतलब हो मध्य प्रदेश पुलिस ने उर्दू-फारसी शब्दों का प्रयोग न करने का निर्णय पूर्व में ही ले लिया है
एक नजर उर्दू-फारसी शब्दों उनके हिंदी अनुवाद को – मुजाकत (झगड़ा), नक्शे अमन (शांति भंग), माल मसरूका (लूटी, चोरी गई संपत्ति), रोजनामचा (आम दैनिक), मुचलका (व्यक्तिगत पत्र), रोजनमाचा खास (अपराध), सफीना (तुलना पत्र), हजा (स्थान,परिसर), जो खुराक (खाने का पैसा), अदम तकलीमा ( अंकन न होना), अदम मौजूदगी (उपस्थित न होना) अहकाम (महत्वपूर्ण), गोस्वारा (नक्शा) इरादतन (साशय,आशय) गैर इरादतन (बिना किसी योजना), नकबजनी (सेंधमारी, चोरी) चश्मदीद गवाह (साक्षी,प्रत्यक्षदर्शी), हिरासत (अभिरक्षा),कत्ल (हत्या), कब्जा (आधिपत्य ) आदि।