छत्तीसगढ़ के इन इलाकों में बिना लाइसेंस और डिग्री के क्लीनिक चला रहे फर्जी डॉक्टर

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसलिंग के पास तीन से ज्यादा मामले पहुंचे हैं। जिसकी जांच जारी है।

Chhattisgarh News रायपुर। दूसरे के लाइसेंस पर न केवल अस्पताल खोल लिया। बल्कि बिना उपाधि के चिकित्सा भी करने लगा। यानी इस तरह की हरकत करने वाले को भय तक नही छत्तीसगढ़ में धड़ल्ले से काम जारी है।

छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसलिंग के पास तीन से ज्यादा मामले पहुंचे हैं। जिसकी जांच जारी है। बताया जा रहा है कि बिलासपुर का एक युवक तो खुद को जनरल सर्जन बात, एक निजी अस्पताल में प्रैक्टिस भी कर रहा था। उसके गायब होने से मामला संदिग्ध हो गया है।

चर्चा है कि अगर युवक जनरल सर्जरी ऐसोसिएशन में पंजीयन कराने नही पहुंचता तो शायद खुलासा नही होता। एसोसिएशन ने बिलासपुर सीएमएचओ से पंजीयन के बारे में जानकारी मांगी। पर सीएमएचओ के पास ऐसी कोई जानकारी नही थी। तब छग मेडिकल काउंसिल को पत्र लिखा। काउंसिल की पड़ताल में पता चला कि युवक पंजीकृत नही है। खुलासा होते ही कथित डॉक्टर बना युवक बिलासपुर से फरार हो गया। इधर छुरा (गरियाबंद) वाले मामले में अस्पताल संचालक नॉन मेडिको है। वहां डॉक्टरों की लापरवाही से महिला का केस बिगड़ने से महिला की मौत का मामला सामने आया है।

उधर अंबिकापुर में एक विदेश से चिकित्सा क्षेत्र में स्नातक ने छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में पंजीयन नही कराया था। यह भी स्पष्ट नही हो सका कि फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम पास है कि नही इस फर्जी डॉक्टर के केस का खुलासा तब हुआ, जब निजी अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान एक बच्ची की मौत हो गई। तब जांच में पता चला कि विदेश से पढ़े कथित डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहा था। यह मामला भी छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल पहुंचा है।

आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर विनोद तिवारी उपरोक्त मामले पर कहते हैं कि बिना उपाधि (डिग्री) प्रेक्टिस करना अचंभित करता है। हमने ऐसे मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग से की है। शिकायत के बाद राज्य मेडिकल काउंसिल हरकत में आया है।

(लेखक डा. विजय)

 

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