Chhattisgarh Steel Plant Closed: बढ़ी हुई बिजली दरों के विरोध में, छत्तीसगढ़ के स्टील उद्योगों में स्ट्राइक का ऐलान
Chhattisgarh Steel Plant Closed: बिजली के बढ़ी हुई दरों के विरोध में 29 जुलाई की आधी रात से छत्तीसगढ़ के डेढ़ से दो सौ लौह उद्योग अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए गए है।
Chhattisgarh Steel Plant Closed रायपुर। बिजली के बढ़ी हुई दरों के विरोध में 29 जुलाई की आधी रात से छत्तीसगढ़ के डेढ़ से दो सौ लौह उद्योग अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए गए है।
बंद उद्योगों में मिनी स्टील प्लांट, फेरो आलयज समेत अन्य उद्योग शामिल हैं। उद्योगपतियों का दावा है कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर बंद के चलते प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 5 लाख नौकरियों पर असर पड़ेगा। तो वही राज्य और केंद्र सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि होगी।
लौह उद्योगपतियों की सोमवार को एक निजी होटल में बैठक बाद सरकार की ओर से ततसंबंध में कोई कदम नही उठाने पर बंद का ऐलान किया गया।बैठक में तमाम छोटे,बड़े,मंझोले उद्योगपति शामिल हुए। बैठक बाद दावा किया गया कि देश के अंदर छत्तीसगढ़ लौह उत्पादन में दूसरे नंबर पर है तथा 83 फीसदी माल यहां से दूसरे राज्यों को जाता है। दूसरे राज्यों में बिजली दर कम होने से छत्तीसगढ़ में लोहा महंगा हो गया है।हर रोज लौह उद्योगों को 3 हजार रुपए प्रति टन नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही फेरो का नुकसान 10 हजार रुपए प्रति टन हो गया है। ऐसी स्थिति में बंद ही एक मात्र रास्ता था। लौह उद्योगों के बंद होने से पूरा चैनल प्रभावित होने का दावा किया जा रहा है। जिससे रा मटेरियल, ट्रांसपोर्ट, ऑक्सीजन सिलेंडर जुड़े हुए अन्य उद्योग,डीजल, पेट्रोल से लेकर अन्य की खपत प्रभावित होगी।
लौह उद्योग से जुड़े उद्योगपतियों ने दावा किया है कि पहले प्रति यूनिट 6 रुपए बिजली दर थी,जो अचानक बढ़कर 7 रुपए 60 पैसे कर दिया गया है।जबकि बाकी स्टील उत्पादक राज्यों में बिजली दर नही बढ़ी है। उद्योग जगत का दावा है कि स्टील उद्योग यहां (छत्तीसगढ़) 1100 करोड़ यूनिट प्रति वर्ष खपत करता है। जिस पर 9 हजार करोड़ का जीएसटी स्टील उद्योग प्रदान करता है। राज्य विघुत मंडल को प्रति वर्ष 8 हजार करोड रुपए का राजस्व मिलता है।