छत्तीसगढ़ शासन की पहल, महिला अपराधों में शामिल आरोपियों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत प्रदेश में हुए बालिकाओं एवं महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को शासकीय नौकरियों से प्रतिबंधित करने के प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र जारी किया है।
पत्र में छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ती) नियम, 1961 के नियम 6 के उप-नियम (4) में निम्नानुसार प्रावधान है- “कोई भी उम्मीदवार जिसे महिलाओं के विरूद्ध किसी अपराध का सिद्ध दोष ठहराया गया हो, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिये पात्र नहीं मन जायेगा।
परन्तु जहां तक किसी उम्मीदवार के विरुद्ध न्यायालय में ऐसे मामले लंबित हो तो उसकी नियुक्ति का मामला आपराधिक मामले का अंतिम विनिश्चय होने तक लंबित रखा जायेगा।”
उपरोक्त नियम के परिप्रेक्ष्य में शासकीय सेवा में नियुक्ति हेतु ऐसे अभ्यर्थी जिसके विरुद्ध बालिकाओं एवं महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि से संबंधित नैतिक अधोपतन की श्रेणी में आने वाले अपराध भारतीय दण्ड संहिता, 1880 की धारा 354, 376, 376क, 376ख 376ग 3760, 509, 493, 496 एवं 498 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act). 2012 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज हो, उन्हें शासकीय सेवाओं एवं पदों पर नियुक्ति हेतु प्रकरण के अंतिम निर्णय होने तक प्रतिबंधित करने निर्णय लिया गया है ।