उक्त संभागों में अब प्रतिशत के हिसाब से देखें-सरगुजा से 14 में से पूरे 14 यानी 100 प्रतिशत सीट मिली। जबकि बिलासपुर से 24 में 10 सीट मिली यानी करीब 42 प्रतिशत सीट मिली। इस तरह दोनों संभाग में कुल सीट 24 मिली है। 54 में से 24 सीटें इन्हीं दो संभागों से मिली है। जो कुल सीटों का प्रतिशत के दृष्टिकोण से 44.63 प्रतिशत बैठता है।
अब रायपुर, दुर्ग, बस्तर, संभाग को देखें- रायपुर संभाग से कुल 20 सीटें हैं। जहां से भाजपा ने 12 सीटें जीती है। यानी 60प्रतिशत दुर्ग संभाग में कुल 20 सीट है। जहां से 10 जीती हैं। यानी 50प्रतिशत। उधर बस्तर संभाग में कुल 12 सीट हैं। जहां से भाजपा ने 08 जीती है यानी 80प्रतिशत जीती है। इन तीनों संभागों में कुल सीट 52 सीट में से 30 सीट जीती है। जो भाजपा को प्राप्त कुल सीट 54 का 45.37 प्रतिशत बैठता है।
उपरोक्त हिसाब से देखें तो स्पष्ट है कि अकेले सरगुजा-बिलासपुर संभाग ने मिलकर भाजपा को 24 सीटें देकर विजय के नजदीक पहुंचा दिया। जो भाजपा के कुल सीट 54 का 44.63 प्रतिशत हिस्सा है। जबकि इस क्रम में रायपुर, दुर्ग, बस्तर 30 सीटें दी है। जो भाजपा की कुल सीट का 45.37 प्रतिशत हिस्सा है। यानी जीत का बड़ा फेक्टर बिलासपुर, सरगुजा संभाग में निकला। यहां थोड़ा ध्यान दे कि टी एस सिंहदेव-सन 2018 में सीएम पद के दावेदार थे। परंतु नहीं बनाए गए। कहीं उस बात की नाराजगी तो नहीं जताई गई हैं। पर रोचक यह भी कि टी एस सिंहदेव को भी हरा दिया है।
(लेखक डा.विजय)