Chhattisgarh election results : घोषणा पत्र -मोदी गारंटी थी ‘भरोसे’ के छुट्टी की घंटी

Chhattisgarh election results :
Chhattisgarh election results : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव- 2023
Chhattisgarh election results : जोर का झटका धीरे ‘कांग्रेस को पटखनी दी सिरे से’। Chhattisgarh election results छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा चुनाव -2023 के नतीजे शायद यही कुछ बयां कर रहे। बगैर मुख्यमंत्री का चेहरा लिए मैदान में उतरी भाजपा ने अपने घोषणा पत्र का शीर्षक (हेडिंग) रखा था- “प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी” जिसमें दर्जन भर से अधिक वायदे किए गए थे। इसके बाद कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी किए था। जिसमें भी दर्जनों वायदे थे। पर यहां की जनता सब देख- सुन-पढ़ समझ रही थी। एक तरफ भरोसा- दूसरे तरफ गारंटी के बात। मोदी की गारंटी ‘भरोसे’ की छुट्टी की घंटी साबित होगी इसका अंदाजा- मतदाताओं का मौन बोल रहा था- पर शायद ही कोई राजनीतिक व्यक्ति, बुद्धिजीवी या सत्ता-विपक्ष के ईद-गिर्द रहने वाला लगा पा रहा था। महज कयासों का दौर था।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में भाजपा ने 54 सीटों के साथ अब तक की अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की। तो उपरोक्त लोगों को हैरानी हो रही है। दर्जन भर के एग्जिट पोल दरकिनार हो गए। जो उनके अध्ययन या सर्वे की गंभीरता पर सवालिया निशान आगे के लिए लगा गए। बहरहाल भरोसे की भूपेश सरकार का नारा बुलंद करती रही कांग्रेस प्रदेश सरकार ने अपनी पारी की शुरुआत (5 वर्ष पूर्व) छत्तीसगढ़ी संस्कृति परंपराओं को उठाते-भंजाते हुए की। जो उसे चर्चा में रखे रहा। फिर धान समर्थन मूल्य देश में सबसे अधिक दिया तो ऊपर से किसानों की कर्ज माफी तथा आमजनों के लिए सस्ती बिजली मुहैय्या कराई। ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने गोबर की खरीदी की। गांव-मोहल्लो में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने मोबाइल वेन दौड़ाया। कर्मचारियों, अधिकारियों को समय-समय पर बोनस, डी ए बढ़ाते वेतनमान बढ़ायी हफ्ते में 2 दिन छुट्टी मुफ्त की।
इधर घोषणा पत्र भाजपा के बाद जारी कर नए वायदों के साथ मतदाताओं को रिझाने का प्रयास-सत्ता पर वापसी कराने पर क्रमशः 3200 रुपए क्विंटल धान, 200 यूनिट बिजली मुफ्त,महिलाओं की प्रतिवर्ष 15 हजार भाग्य लक्ष्मी योजनांतर्गत, पहली से स्नातकोत्तर तक मुफ्त शिक्षा आदि।
इसके ठीक पूर्व भाजपा ने अपना घोषणा जारी किया। जिसे शीर्षक दिया- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी। जिसमें 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी, भाजपा महतारी वंदन योजना में सभी विवाहित महिलाओं को 12 हजार रुपए वार्षिक (प्रतिमाह 1 हजार) पूर्व का 16-17, 17-18 का धान का बोनस एकमुश्त इसी बरस 25 दिसंबर अटल बिहारी बाजपेयी जयंती पर देने का वायदा। प्रदेश में ढाई लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने समय-समय पर भर्ती योजना, अनियमित संविदा कर्मियों को नियमित करना, पूर्व सरकार के घोटालो की जांच कराना। पारदर्शिता लिए प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करना। अयोध्या में निर्माणाधीन श्री राम मंदिर धाम की यात्रा कराना। चांवल घोटाला, शराब घोटाला, धान घोटाला, गोबर घोटाला की जांच का वायदा धर्मांतरण रोकना आदि।
बहरहाल राज्य में चर्चा है कि धान खरीदी पर कांग्रेस के ज्यादा भाव देने के वायदे के बावजूद-भाजपा का महातारी वंदन योजना तुरुप का पत्ता-इक्का चला। युध्द रफ्तार पर चंद दिनों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने 60 लाख से अधिक ग्रामीण शहरी महिलाओं से ततसंबंध में फार्म (आवेदन) भरवा लिए जिसने अच्छा काम किया। तो शराबबंदी, पीएससी घोटाला संबंधी मुद्दा छोड़कर महिलाओं युवाओं को साधा।
जानकारों का कहना है कि बिना कर्ज माफी, बिना मुफ्त बिजली के भाजपा ने मजबूत घोषणा पत्र एक समय पर लाया। चुनावी रणनीति बना उस पर अमल, शानदार प्रबंधन, राज्य सरकार पर अक्रामक अभियान चलाकर हवा का रुख- दिशा बदल दी। प्रधानमंत्री ने यहां कार्यकर्ताओं की नाराजगी 2018 में भाप ली थी। सो इस बार चुनाव पूर्व ही उन्होंने जमीनी कार्यकर्ताओं को भरोसा दिला समझाने में सफलता पाई कि सार्वजनिक जीवन में उनकी पूछ-परख काम मिलना तब ही हो पाएगा। जबकि पार्टी सत्ता में आए। इस तरह नाराज कार्यकर्ताओं छोटे नेताओं को काम पर वापस लाने में सफलता पाई। हिंदूतत्व कार्ड खेला। धर्मांतरण के बात उठाई। पीएम पर जनता भरोसा करती हैं। उनकी घोषणा पत्र गारंटी थी “भरोसे” के छुट्टी की घंटी’ इस चीज को प्रदेश सत्ताधारी कांग्रेस भाप नहीं पाई नतीजा सामने है।
सही-सही कसर आरोपो के माध्यम से जन तक भाजपा पहुंचती रही मसलन ईडी छापामारी क्यों ? ढाई-ढाई साल का फार्मूला लागू क्यों नहीं, विधायकों का दिल्ली डेरा क्यों, शराबबंदी क्यों नहीं, उस पर बनाई समिति का प्रसार किसे ; क्यों ? धर्मांतरण की संरक्षण का आरोप शहरों में बढ़ता अपराध, आदि। उधर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस गांव-गांव जाकर अभियान चला रही भाजपा के पक्ष में चुनाव पूर्व माहौल गुपचुप बनाती गई- बढ़ती गई। इन सबके साथ भाजपा संगठन अपने स्तर पर मतदाताओं के पास अरसे से पहुंच उन्हें समझाने बुझाने में रिझाने में सफल रहा। इस बार राज्य में बसपा एवं जोगी कांग्रेस ने गठबंधन नहीं किया उनकी ज्यादातर वोट (मत) भाजपा के पास चला आया। छोटे-मंझोले नए दल अपनी अकड़ में रहे तीसरा मोर्चा नहीं बनाया। लिहाजा ा अप्रभावी रहे। उपरोक्त सबका का लबोलुआब भाजपा 54 सीटों के साथ सरकार बना रही है।
(लेखक डा. विजय )