Wed. Jul 2nd, 2025

Chennai High Court: धार्मिक भावनाओं का हवाला दे मंदिरों से सांई बाबा की मूर्तियां हटाने की याचिका पर नोटिस, जानिए कोर्ट ने क्या कहा

Chennai High Court:

Chennai High Court: कोयंबटूर निवासी डी.सुरेश बाबू ने एक याचिका दाखिल कर कहा है कि हिंदू मंदिरों में सांई वाला बाबा की मूर्ति रखना आगम सिद्धांतों के खिलाफ है।

Chennai High Court रायपुर। चेन्नई उच्च-न्यायालय ने हिंदू मंदिरों से सांई बाबा की मूर्तियों को हटाने की मांग वाली याचिका पर, राज्य सरकार ने हिंदू धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग को नोटिस जारी किया है।

दरअसल, कोयंबटूर निवासी डी.सुरेश बाबू ने एक याचिका दाखिल कर कहा है कि हिंदू मंदिरों में सांई वाला बाबा की मूर्ति रखना आगम सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने हाईकोर्ट के एक पूर्व आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि सांई बाबा के भक्त सभी धर्मो के हैं। यह केवल हिंदुओं की सार्वजनिक पूजा के लिए नही है। दरअसल, तमिलनाडु के कुछ मंदिरों में हिंदू देवताओं के साथ सांई बाबा की मूर्तिया स्थापित की गई है। डी. सुरेश बाबू कहते हैं कि इसमें हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं, विश्वास और रीति रिवाज को ठेस पहुंचती है।

कोर्ट ने जारी किया नोटिस

मंदिर में सांई बाबा की मूर्ति की स्थापना शैव परंपरा के भी खिलाफ है, जो 8 वीं सदी से चली आ रही है। डी. सुरेश ने आगे कहा है कि मंदिर प्रबंधन के लिए जिम्मेदार बंदोबस्ती विभाग को इस तरह की मूर्तियों को स्थापना के खिलाफ कदम उठाने चाहिए थे। लेकिन वह कर्तव्य पालन में विफल रहे। उन्होंने हिंदू मंदिरों से साई बाबा की मूर्तियां को हटाने के निर्देश देने की मांग की। इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आर. महादेवन और जस्टिस मोहम्मद शफीक की पीठ ने बंदोबस्त विभाग को नोटिस जारी किया।

भावनाओं को नहीं पहुंचाएं ठेस

याचिका में कहा गया कि साईं बाबा ने हिंदू और इस्लाम दोनों का प्रचार किया। समाज में उनके अनुयायी हैं, लेकिन हिंदू आगम और रीति-रिवाजों और मान्यताओं का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए और मंदिरों में हिंदू देवताओं की मूर्तियों के साथ उनकी मूर्ति रखकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जानी चाहिए।

(लेखक डा. विजय)

About The Author