Chhattisgarh News : CM ने दी बड़ी सौगात, 5500 मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता खऱीदी

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Chhattisgarh News : राज्य सरकार चालू सत्र से ही तेंदूपत्ता 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से खरीदेगी। इसके साथ ही तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए चरण पादुका वितरण योजना फिर से शुरू की जाएगी।

Chhattisgarh News : राज्य सरकार चालू सत्र से ही तेंदूपत्ता 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की दर से खरीदेगी। इसके साथ ही तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए चरण पादुका वितरण योजना फिर से शुरू की जाएगी। माना जा रहा है कि तेंदूपत्ता खरीदी दर बढ़ने से 12.5 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को सीधा फायदा होगा। इस वृद्धि से संग्राहकों को 240 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की संभावना है।

12.5 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को मिलेगा लाभ

सीएम विष्णु देव साय सरकार तेंदूपत्ता संग्रहकों के लिए नई सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू करने जा रही है। सीएम साय कोंडागांव स्थित विकास नगर स्टेडियम में आयोजित जंगल जात्रा 2024 महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। जिसमें बस्तर संभाग की प्राथमिक वनोपज समितियाें और संयुक्त वन प्रबंधन समितियाें के पदाधिकारियों, संग्राहक सदस्यों को तेंदूपत्ता पर लिए गए निर्णयों से अवगत करा रहे थे। उन्होंने इसे पीएम मोदी की एक और गारंटी पूरी होना करार दिया। तेंदूपत्ता सीजन 2024 में यह दर प्रभावशील होगी। सीएम साय ने कहा कि पीएम मोदी ने हमारी सरकार बनने पर वनवासियों से वादा किया था कि तेंदूपत्ता संग्रहण परिश्रमिक दर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रूपए कर देगे।आज से ही इस योजना की शुरुआत हो जाएगी।

तेंदूपत्ता संग्रहकों के लिए चरण पादुका योजना

मौके पर सीएम ने बताया कि सरकार संग्राहकों के लिए चरण पादुका योजना फिर शुरू करेगी। पीएम मोदी ने जो दायित्व सौंपा है। उन्हें हम हर हाल में पूरा करेंगे। इसके बाद बालोद के एक कार्यक्रम में कृषक उन्नति योजना अंतर्गत 13 हजार 320 करोड रुपए कीआदान सहायता ( अंतर राशि ) किसानों के खातों में जमा कर दी गई है। इसी तरह 10 मार्च को महतारी वंदन योजना तहत 70 लाख से अधिक महिलाओं के खातों में एक-एक हजार की पहली किस्त जारी कर दी गई है।

राज्य सरकार का फोकस बस्तर-सरगुजा संभाग पर है

उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का फोकस बस्तर-सरगुजा संभाग पर है। दोनों संभागों में असीम संभावना होते हुए भी समुचित विकास नही हो पाया है। दोनों संभाग वन, उर्वरा भूमि, नदी, नालों और खनिज संपदा से भरपूर है। बावजूद यहां के निवासियों का जीवन सुधर नही पाया है। स्थानीय संपदा का लाभ स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए या सुनिश्चित किया जाएगा।

(लेखक डा. विजय)

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