Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि पर इन मंत्रों का जाप करके करें भगवान शिव की पूजा, मिलेगा व्रत का पूरा फल

Mahashivratri 2024 :

Mahashivratri 2024 :

महाशिवरात्रि के दिन भक्त मंदिर जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। इन मंत्रों का जाप करते हुए भगवान शिव को जल से अभिषेक करें। शिवपुराण में इन 5 मंत्रों को उपयुक्त बताया गया है।

Mahashivratri 2024 : इस बार 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जायेगा। सभी शिवभक्त पूजा और व्रत के लिए अंतिम तैयारियां शुरू कर देंगे। इस दिन भक्त भगवान शिव को गंगाजल, दूध और दही, शहद, घी,शक़्कर से अभिषेक करके उनके मनपसंद वास्तुएं भांग, धतूरा,कनेर, बेलपत्र और उनके पसंदीदा फूल आक उन्हें अर्पित करेंगे। भगवान शिव की पूजा करते समय हमें कुछ मंत्रों का जाप करना अनिवार्य माना जाता है और तभी हमारी पूजा पूरी मानी जाती है। आज हम आपको कुछ खास मंत्र बताने जा रहे हैं जिनका जाप शिवरात्रि के दिन करना बहुत जरूरी माना जाता है। इन मंत्रों का जाप करके भगवान शिव की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।

भोले के भक्तों की आस्था का केंद्र हैं रायपुर स्थित महादेव घाट - zholtooram

मंदिर में इन मंत्रों का जाप करें

महाशिवरात्रि के दिन भक्त मंदिर जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। इन मंत्रों का जाप करते हुए भगवान शिव को जल से अभिषेक करें। शिवपुराण में इन 5 मंत्रों को उपयुक्त बताया गया है।

* ऊं हरये नमः
* ऊं महेश्वराए नमः
* ऊं शूलपानायाय नमः
* ऊं पिनाकपनाये नमः
* ऊं पशुपतये नमः

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* ऊं हरये नमः

अगर आपको कभी लगे कि आपने जीवन में गलतियां की हैं, जिसके लिए आपको भगवान से माफी मांगनी चाहिए, तो आपको इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।

* ऊं महेश्वराए नमः

ये हैं शिव को प्रसन्न करने के सरल और अचूक मंत्र। इन मंत्रों का जाप प्रतिदिन रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए। जप पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए।

* ऊं शूलपानायाय नमः

इस मंत्र का जाप करने से भक्त को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है, भगवान के हाथ में त्रिशूल सभी संकटों को दूर कर देता है।

* ऊं पिनाकपनाये नमः

यहां पीनकपनाये भगवान शिव का धनुष का नाम है , जो कि त्रिपुरांतक के असुर त्रिपुरा का अंत किया था। अर्थात भगवान शिव अपने भक्तों के सभी दुख-दर्द को दूर करता हैं।

महामृत्युंजय मंत्र का जाप सवा लाख बार करने से पुत्र और सफलता की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अकाल मृत्यु से भी बचाव होता है।

॥ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

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