CG NEWS: धान खरीदी समितियों में पसरा सन्नाटा, किसान धान बेचने में नहीं दिखा रहे हैं रुचि

CG NEWS: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 1 नवंबर से शुरू तो हो गई है, लेकिन आज 20 दिन बीतने के बाद भी सरगुजा के अधिकांश समितियां में धान की बोहनी तक नहीं हुई है किसान धान मिसाई कर अब 3 दिसंबर के इंतजार कर रहे हैं।

समितियां में सन्नाटा पसरा हुआ है हालांकि समिति प्रबंधक धन खरीदने को लेकर तैयारी तो कर चुके है लेकिन किसानों के नहीं आने के कारण अब वह भी परेशान नजर आ रहे हैं. हालांकि जिला विपणन अधिकारी कुछ दूसरा तर्क दे रहे हैं उनकी माने तो दिसंबर से ही धान खरीदी में बढ़ोतरी होती है।

दरअसल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव हाल ही में संपन्न हुआ है लेकिन अभी परिणाम जारी नहीं हुआ है लेकिन चुनाव से पहले भाजपा कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों ने किसानों को लेकर एक बड़ा घोषणा किया गया है। जिसके तहत कांग्रेस की माने तो अगर कांग्रेस की सरकार प्रदेश में बनती है तो वह ऋण माफी से लेकर प्रति एकड़ किस को 20 क्विंटल धान ₹3200 में खरीदी करेंगे। जबकि इसके विपरीत भाजपा का यह कहना है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वह प्रति एकड़ 21 क्विंटल व प्रति क्विंटल 3100 में धान खरीदेंगे।

ऐसे में छत्तीसगढ़ सहित सरगुजा के किसान कसमकश में है कि आखिर किसकी सरकार बनती है ऐसे में धान खरीदी करने को लेकर वे अभी वे चुप्पी साधे हुए हैं.इसी कारण 1 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी में को किसान कोई भी रूचि नहीं दिखा रहा है। सरगुजा की समितियां की बात करें तो अंबिकापुर से लगे तमाम समितियां में अभी तक धान खरीदी के लिए बनी तक नहीं हो पाया है।

वहीं कुछ समितियां में नाम मात्र ही कर दी हुई है, अम्बिकापुर से लगे खैरबार सहकारी समिति में आज दिनांक तक एक भी किसान धान बेचने नही पहुंचे हैं जबकि इस समिति में कुल पंजीकृत किसानों की संख्या 541 है वहीं पिछले वर्ष 2022 में इस समिति के द्वारा 16 हजार क्विंटल धान खरीदी किया गया था। वहीं सरगवां सहकारी समिति की बात करें तो इस समिति में 1113 कुल पंजीकृत किसान है।

वहीं 2022 में इस समिति के द्वारा 32 हजार क्विंटल धान खरीदी किया गया था. जबकि वर्तमान में अभी तक इन समितियों में सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं सरगुजा जिले की बात करें तो जिले में कुल 54 समिति है जिससे कुल 54 हजार 787 पंजीकृत किसान है।

जो 2021-22 में 23 लाख 82 हजार क्विंटल धान की खरीदी की थी जबकि 2022-23 में लक्ष्य 28 लाख 81 हजार क्विंटल धान खरीदी करने का है वहीं वर्तमान में 54 समितियों के माध्यम से मात्र 1400 क्विंटल धान खरीदी किया गया है। जाहिर है पुरा खरीदी का मामला विधानसभा चुनाव के नतीजे पर अब निर्भर है। हालांकि जिला विपणन अधिकारी सरगुजा अरूण कुमार का कहना कि यह सही है किसान अभी तक की समितियों में धान बेचने नही पहुंचे हैं जिसका प्रमुख कारण इस बार धान की खेती पिछड़ना है, लेट से बारिश होने के कारण फलस भी लेट तैयार हुआ है।

जाहिर है धान की कटाई व मिसाई में किसान लगें हुए और उनका आना शुरू हो गया दिसंबर में भीड़ बढ़ेगी। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने दावा किया है कि किसानों का ध्यान नहीं बेचना कहीं ना कहीं कांग्रेस की सरकार बनने की संकेत है। बरहाल सरकार किसकी सरकार बनती है यह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा।

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