Census 2027: घर बैठे ऑनलाइन भरें फार्म, भारत में पहली बार हो रही डिजिटल जनगणना

Digital Jan Ganna 2027: भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें नागरिक खुद मोबाइल ऐप के ज़रिए जानकारी दर्ज कर सकेंगे। जानें डिटेल्स।
Digital Census 2027: भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना होगी। सरकार ने इसके लिए वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च करेगी, जिसमें लोग घर बैठे खुद ही जानकारी दर्ज कर सकेंगे। स्व-गणना (Self Enumeration) का विकल्प की जनगणना प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। भारत की यह 16वीं और स्वतंत्र भारत की 8वीं जनगणना है।
कब से शुरू होगी डिजिटल जनगणना?
हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस (HLO) – 1 अप्रैल 2026 से
जनसंख्या गणना (Population Enumeration – PE) – 1 फरवरी 2027 से
काउंटिंग डेट (Reference Date)
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में – 1 अक्टूबर 2026 से
भारत के अन्य राज्यों में – 1 मार्च 2027 से
डिजिटल जनगणना में नया क्या होगा?
पहली बार जनगणना मोबाइल ऐप के ज़रिए डेटा कलेक्शन होगा (Android और iOS दोनों पर)।
नागरिक वेब पोर्टल के माध्यम से स्वयं अपनी गणना कर सकेंगे। ये HLO और PE दोनों चरणों के लिए उपलब्ध होगा।
डेटा सीधे केंद्रीय सर्वर पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से ट्रांसमिट किया जाएगा।
जातिगत जनगणना भी इस बार की जाएगी, यानी परिवार के प्रत्येक सदस्य की जाति भी दर्ज करनी होगी।
सिक्योरिटी के लिहाज से उन्नत डेटा प्रोटेक्शन उपाय लागू किए जाएंगे। ताकि, डेटा संग्रहण और ट्रांसमिशन सुरक्षित हो।
प्रशासनिक और तकनीकी तैयारी
जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने 16 जून को गजट अधिसूचना जारी किया है। उन्होंने बताया कि देशभर में जनगणना कार्य के लिए करीब 34 लाख गणनाकर्ता और पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे। प्रत्येक गणना ब्लॉक के लिए अलग-अलग गणनाकर्ता होंगे। ताकि, कोई चूक या दोहराव न हो। 31 दिसंबर 2025 तक प्रशासनिक इकाइयों (जिले, तहसील आदि) की सीमाएं तय कर ली जाएंगी।
जनगणना के लिए तीन-स्तरीय प्रशिक्षण
राष्ट्रीय प्रशिक्षक (National Trainers)
मास्टर प्रशिक्षक (Master Trainers)
फील्ड प्रशिक्षक (Field Trainers)
अधिकारियों ने क्या कहा?
जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण के मुताबिक, सभी राज्यों को सूचित कर दिया गया है कि वे अपने प्रशासनिक क्षेत्रों की सीमाएं वर्ष के अंत तक निर्धारित कर लें। ताकि, जनगणना की प्रक्रिया निर्वाध तरीके से की जा सके।
क्यों खास है डिजिटल जनगणना?
केंद्र सरकार की इस पहल से भारत के डिजिटल इंडिया अभियान को मजबूती मिलेगी।
नागरिकों को स्व-गणना का विकल्प सशक्त और जिम्मेदार बनाएगा।
डेटा संग्रहण और विश्लेषण में तेज़ी आएगी। इससे नीतियों और योजनाओं की योजना में सहूलियत होगी।
पर्यावरण की दृष्टि से भी कागज़ रहित प्रक्रिया टिकाऊ पहल है।