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Cash For Query Case: महुआ मोइत्रा की फिर बढ़ी मुश्किलें! CBI ने लोकपाल को सौंपी जांच रिपोर्ट

Cash For Query Case: सीबीआई ने TMC सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ “कैश फॉर क्वेरी” मामले में लोकपाल को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में मोइत्रा पर गंभीर आरोप हैं कि उन्होंने एक बड़े कारोबारी समूह से पैसे और उपहार लेकर संसद में उनके खिलाफ सवाल पूछे. यह मामला बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और एक सुप्रीम कोर्ट के वकील की शिकायत के बाद शुरू हुआ था. अब लोकपाल आगे की कार्रवाई तय करेगा. मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

Cash For Query Case: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ सकती है. सीबीआई ने उनके खिलाफ कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकपाल को एक रिपोर्ट सौंपी है. अब लोकपाल तय करेगा कि आगे क्या कार्रवाई करनी है? CBI की इस रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. आरोप है कि उन्होंने पैसे और गिफ्ट्स लेकर संसद में एक बड़े कारोबारी समूह के खिलाफ सवाल पूछे थे. यह मामला पहली बार तब सामने आया जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और एक सुप्रीम कोर्ट के वकील ने लोकपाल में शिकायत दर्ज कराई थी. उनका दावा था कि महुआ मोइत्रा ने एक कारोबारी से सवाल पूछने के बदले कैश, गिफ्ट और लॉगिन आईडी ली थी. CBI ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की और अब लोकपाल के पास मामला है.

पिछले साल 21 मार्च को दर्ज की गई थी FIR
सीबीआई ने लोकपाल के एक संदर्भ पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत पिछले साल 21 मार्च को महुआ मोइत्रा और हीरानंदानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, आरोप लगाया गया था कि मोइत्रा ने भ्रष्ट आचरण किया, जिसमें हीरानंदानी से रिश्वत और अन्य अनुचित लाभ लेना शामिल था, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं था. कहा गया था कि उन्होंने अपने संसदीय विशेषाधिकारों से समझौता किया और अपने लोकसभा लॉगिन क्रेडेंशियल्स साझा करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा किय.”

महुआ मोइत्रा को सदन से कर दिया गया था निष्कासित
अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने मामले में अपने निष्कर्ष लोकपाल को सौंप दिए हैं, जो मामले में आगे की कार्रवाई तय करेगा. पिछली लोकसभा में कृष्णानगर सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली मोइत्रा को दिसंबर 2023 में “अनैतिक आचरण” के लिए सदन से निष्कासित कर दिया गया था, जिसे उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है. हालांकि बाद में महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया था कि साजिश के तहत और बिना उन्हें जवाब देने का अवसर दिए उनकी सदस्यता रद्द की गई है.

उन्होंने 18वीं लोकसभा के दौरान 2024 के आम चुनावों में अपनी प्रतिद्वंद्वी, भाजपा की अमृता रॉय को हराकर अपनी सीट बरकरार रखी और वर्तमान में फिर से वह टीएमसी की सांसद हैं. भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा मोइत्रा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष प्राप्त होने के बाद सीबीआई को निर्देश जारी किए.
दुबे ने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने उद्योगपति गौतम अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य पर हमला करने के लिए दुबई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार के बदले में सदन में सवाल पूछे थे.

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