CAA Rules : CAA कानून पर रोक लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 19 मार्च को होगी सुनवाई…
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CAA Rules : CAA कानून के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले पर सुनवाई 19 मार्च को होगी।
CAA Rules : नई दिल्ली : CAA कानून लागू होने के बाद से ही केरल के राजनितिक दलों ने इसका जमकर विरोध किया। साथ ही इसके कार्यान्वयन पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। राजनीतिक दलों ने मांग करते हुए कहा कि इस कानून पर रोक लगाने की जरूरत है और इसके जरिए मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट CAA कानून पर रोक लगाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने को राज़ी हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारिख दी है।
CJI ने कहा, ‘‘हम मंगलवार को इस पर सुनवाई करेंगे। 190 से अधिक मामले हैं। उन सभी पर सुनवाई की जाएगी। हम अंतरिम याचिकाओं के पूरे बैच की सुनवाई करेंगे।’’ केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 237 याचिकाएं हैं और उन लंबित याचिकाओं में से चार अंतरिम याचिकाएं नियमों के क्रियान्वयन के खिलाफ दायर की गयी हैं।
IUML ने किया विरोध
IUML यानि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने CAA कानून के कार्यान्वयन का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि CAA पर रोक लगाने ज़रूरी है और इसके ज़रिये मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए। IUML के अलावा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI), असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैका और असम से कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक और अन्य ने भी नियमों पर रोक लगाने के लिए याचिकाएं दायर किए।
याचिका में कहा गया-
याचिका में कहा गया है कि ये कानून स्पष्ट रूप से मनमाने हैं और केवल उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर व्यक्तियों के एक वर्ग के पक्ष में अनुचित लाभ पैदा करते हैं, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत अनुमति योग्य नहीं है। चूंकि CAA धर्म के आधार पर भेदभाव करता है, यह धर्मनिरपेक्षता की जड़ पर हमला कर रहा है, जो संविधान की मूल संरचना है।