CAA Notification : CAA के तहत 300 को मिली नागरिकता, पहले फेज़ में 14 को मिला प्रमाण पत्र
CAA Notification : नागरिकता संशोधन नियम 2024 की अधिसूचना लागू होने के बाद बुधवार को पहली बार 300 लोगों को भारतीय नागरिकता दे दी गई। मंत्रालय ने 14 शरणार्थियों को सर्टिफिकेट भी सौंप दिए हैं।
CAA Notification : नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की अधिसूचना जारी होने के बाद आज पहली बार केंद्र सरकार के ओर से 14 लोगों को नागरिकता सर्टिफिकेट दिया गया। केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने नई दिल्ली में कुछ आवेदकों को नागरिकता प्रमाणपत्र सौंपे। ये शरणार्थी पिछले कई साल से भारत की नागरिकता पाने की जद्दोजहद में लगे हुए थे। नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की अधिसूचना लागू होने के बाद बुधवार को पहली बार 300 लोगों को भारतीय नागरिकता दे दी गई। गृह मंत्रालय ने इन सभी को नई दिल्ली बुलाकर नागरिकता दी. केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने 14 आवेदकों को प्रमाण पत्र सौंपने के साथ ही उन्हें बधाई दी।
बता दें कि भारत सरकार ने 11 मार्च 2024 को नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2024 को अधिसूचित किया था। इसमें आवेदन करने के तरीके, जिलास्तरीय समिति (DLC) की ओर से दिए गए एपिलेक्शन बढ़ाने की प्रक्रिया और राज्यस्तरीय अधिकार प्राप्त समिति (EC) द्वारा आवेदनों की जांच और नागरिकता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।
300 लोगों को दी गई नागरिकता-गृह मंत्री
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि CAA के तहत आज ही दिल्ली में 300 लोगों को नागरिकता दी जा रही है। CAA देश का कानून है। बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने इस साल फरवरी में कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले इस कानून को लागू कर दिया जाएगा। इसके ठीक एक महीने बाद 11 मार्च को केंद्र सरकार ने इस कानून को अधिसूचित कर दिया। इसके कुछ ही दिनों बाद पोर्टल लॉन्च कर लोगों से आवेदन प्राप्त किए जाने लगे। मंगलवार को पश्चिम बंगाल की एक रैली में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया था।
11 मार्च को हुआ था CAA लागू
केंद्र सरकार ने इसी साल 11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए को लागू किया था। इस अधिनियम के तहत भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से सताए गए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जानी है। हालांकि इस अधिनियम का लाभ उन्हीं लोगों को दिया जा सकता है जो 31 दिसंबर कया उससे पहले भारत आए हों। अधिनियम के तहत पड़ोसी मुल्कों से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों ने आवेदन किया था।