मौनी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा और दान करने से पितरों को होगी मोक्ष की प्राप्ति

Mauni Amavasya
मौनी अमावस्या के दिन गंगा में डुबकी लगाने से कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं। यह वर्ष की एकमात्र अमावस्या है जिसमें मौन व्रत, जप, तप और पूजा करने से पितृ और शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है।
मौनी अमावस्या: माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन मौन व्रत का विधान है। पूरे दिन मौन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन लोगों को साधुओं जैसा आचरण करना चाहिए। मौनी अमावस्या के दिन गंगा में डुबकी लगाने से कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं। यह वर्ष की एकमात्र अमावस्या है जिसमें मौन व्रत, जप, तप और पूजा करने से पितृ और शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है।
मौनी अमावस्या पर शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या तिथि 9 फरवरी 2024 को सुबह 8:02 बजे से शुरू होगी। यह अगले दिन 10 फरवरी 2024 को सुबह 4:28 बजे समाप्त होगी। मौनी अमावस्या की तिथि 9 फरवरी को सूर्योदय के बाद शुरू हो रही है लेकिन पूरे दिन अमावस्या तिथि रहेगी। ऐसे में 9 फरवरी 2024 को मौनी अमावस्या पर स्नान, पूजा और पाठ करना उत्तम रहेगा।
भगवान विष्णु की पूजा करें
अगर मौनी अमावस्या के दिन सुबह उठकर नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिलाकर स्नान करें। मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदी या गंगा जल से स्नान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं और अपनी श्रद्धा के अनुसार विशेष चीजों का दान करें। सुबह उठकर भगवान विष्णु का पूजा करके दिन की शुरुआत करें।
मौनी अमावस्या का महत्व
ऐसा माना जाता है कि अमावस्या की सभी तिथियों में मौनी अमावस्या को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस खास मौके पर मौन रहना ही शुभ होता है। मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना फलदायी होता है। इस दिन भगवान विष्णु की श्रद्धापूर्वक पूजा की जाती है। इसके अलावा दान भी किया जाता है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।