बड़े भाई द्वारा छोटे भाई की हत्या, घटना टल सकती थी अगर….!

रायपुर न्यूज :

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राजधानी की पॉश कॉलोनी सफायर ग्रीन में आरोपी कारोबारी द्वारा अपने छोटे भाई को गोली मारने की खबर ने शहर को झकझोर कर रख दिया।

रायपुर न्यूज : राजधानी के पॉश कॉलोनी सफायर ग्रीन में आरोपी कारोबारी द्वारा अपने छोटे भाई की गोली मारकर हत्या की खबर ने शहर को झकझोर कर रख दिया। हाई प्रोफाइल परिवार में घटी-घटना को कदाचित परिजन टाल सकते थे अगर वे अच्छे मनोचिकित्सक या पुलिस के समक्ष समय रहते गए होते।

उच्च शिक्षित धनाड्य परिवार के मध्य से आई खबर लोगों को सदा सचेत रहने किसी भी प्रकार की समस्या सामने आने पर ठंडे दिमाग से मिल बैठकर सोचने – विचारने अन्यथा की स्थिति में जानकार परिचित जनों मनोचिकित्स्कों पुलिस से संपर्क कर सलाह मशविरा करने की समझाइश देती है।

विधानसभा परिक्षेत्र अंतर्गत पॉश कॉलोनी, सफायर ग्रीन आती है। जहां की पुलिस ने मामला दर्ज किया है। प्रारंभिक पूछताछ बाद पुलिस के अनुसार पारिवारिक विवाद के चलते युवा कारोबारी ने अपने छोटे भाई की गोली मारकर हत्या कर दी। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मामले की जांच जारी है।

मामले को लेकर सामने आया है कि आरोपी एवं मृतक के दादा अविभाजित मध्य प्रदेश में आईएएस ऑफिसर थे। जबकि पिता पिता पीडब्ल्यूडी के “ए” क्लास के ठेकेदार थे। आरोपी खुद एयरोनॉटिक्स इंजीनियर है जबकि मृतक छोटा भाई एमबीए किया हुआ था। दोनों साथ किसी बड़ी कंपनी के लिए काम करते थे जहां से दो-दो लाख मासिक वेतन आहरित करते थे। कंपनी का टर्नओवर सालाना 4 करोड़ का है।

बात सामने आई है कि घटना के लिए वजह आरोपी का खुद का स्टार्टअप में पैसा डूबना (घाटा) साथ ही प्रेमिका के साथ शादी टूटना था। जिस हेतु तनाव से गुजर रहा था। वह अपनी मां-छोटे भाई को कारण बता उनसे लड़ता रहता था। घर छोड़ होटल पर कमरा लेकर रहता था। हाई प्रोफाइल जीवन जीता था। दोनों भाई एक साथ खाते-पीते रहे थे। फिर आरोपी ने नक्सली क्षेत्र में व्यवसाय पर आने-जाने के दौरान आत्मरक्षा के लिए अवैध पिस्तौल ले रखी थी। बिहार से खरीदा था 18-20 गोलिया (कारतूस) पुलिस को पिस्तौल के साथ बरामद हुई है। अब बात आती है कि जैसे कि मनोचिकित्सक का इस मामले में कहना है कि इतना शिक्षित धनाड्य परिवार को पुलिस को बताना चाहिए था कि आरोपी उनके पास अवैध पिस्तौल है। दूसरा कारोबार में बड़ा घाटा एवं विवाह टूटना किसी भी सामान्य युवा के लिए टूट जाने जैसी स्थिति होती है। फिर शराब के नशे में होने के कारण कोई भी निर्णय या कार्य करते समय, सही या गलत, कुछ भी घटित होने का स्वाभाविक भय बना रहता है। शादी टूटने के बाद आरोपी और भी आक्रामक हो गया होगा। हालांकि मनोचिकित्सक के मुताबिक ऐसी स्थिति में आरोपी युवक की काउंसलिंग बहुत जरूरी थी। परिजनों को पुलिस को विश्वास में लेकर अवैध पिस्तौल और कारतूस के बारे में जानकारी देनी थी। फिर आरोपी घर पर ही जान से मारने की धमकी देने लगा था अगर ऐसा कुछ होने पर शायद हादसा टल जाता और एक विधवा मां के दो जवान बेटे उसके पास होते।

(लेखक डा. विजय)

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