छत्तीसगढ़ में सहायक आरक्षकों के पदों पर निकली बंपर भर्तियां, यहां चेक करें डिटेल्स
Chhattisgarh News: नक्सल प्रभावित बस्तर के बीहड़ों में तैनात सहायक आरक्षकों के लिये प्रदेश सरकार के मंशा के अनुरूप डिस्ट्रिक स्ट्राइक फोर्स (डीएसएफ) के नवीन कैडर के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके गठन के साथ ही सहायक आरक्षकों के प्रमोशन और वेतन सहित भत्तों से संबंधित पूर्व की समस्याओं का निराकरण होगा।
बस्तर के सातों जिलों में सहायक आरक्षकों को इस फोर्स में भर्ती किया जायेगा। गौरतलब है कि बस्तर में कई सहायक आरक्षकों की वर्षों से प्रमोशन के साथ (CG Jobs Hindi News) वेतन वृद्धि भी रुकी हुई है। इस फोर्स के गठन से इनको सीधा लाभ मिलेगा। बस्तर आई जी सुंदरराज पी ने बताया कि इस फोर्स से बस्तर में नक्सल मुक्त करने के अभियान में मील का पत्थर साबित होगी।
वर्तमान में हैं तीन हजार सहायक आरक्षक
वर्तमान में करीब तीन हजार युवाओं की फौज डिस्ट्रिक रिजर्व गार्ड यानी डीआरजी नक्सल मोर्चे पर तैनात है। बस्तर में चले नक्सल विरोधी आंदोलन सलवा जुड़ूम दौरान विशेष सुरक्षा अधिकारी यानी एसपीओ की भर्ती की गई थी। इनमें नक्सल हिंसा की वजह से विस्थापित परिवारों के युवा शामिल थे। 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने सलवा जुड़ूम पर प्रतिबंध लगाया तो एसपीओ को सहायक आरक्षक (Chhattisgarh News) का पद देकर नई फोर्स खड़ी की गई थी। डीआरजी में इन युवाओं के अलावा कई आत्मसमर्पित नक्सली भी शामिल किए गए हैं।
बस्तर के 135 सहायक आरक्षक हुए चयनित
डिस्ट्रिक स्ट्राइक फोर्स में शासन के नियमों के मुताबिक सहायक आरक्षक के रूप में 9 वर्ष पूर्ण कर चुके जवानों को भर्ती किये जायेंगे। नौ वर्षों के दौरान उनकी सर्विस रिकार्ड भी अच्छे होने आवश्यक है। बस्तर जिले में इस फोर्स के लिये सहायक आरक्षकों की शरीरिक नापजोख व शरीरिक दक्षता की जांच पूरी हो चुकी है, जिनमें कुल 135 सहायक आरक्षकों ने इस भर्ती के लिये क्वालिफाई किया है। चयनित आरक्षकों की सूची आने वाले कुछ दिनों में जारी की जाएगी।
स्ट्राइक फोर्स में 3736 होंगे नए पद
डिस्ट्रिक स्ट्राइक फोर्स (डीएसएफ) का नवीन कैडर के प्रस्ताव अनुसार, सहायक आरक्षक के उपलब्ध 3096 पदों को समाप्त कर उसकी जगह पर डिस्ट्रिक
स्ट्राईक फोर्स संवर्ग में ये होंगे पद-
आरक्षक 3316
प्रधान आरक्षक 460
सहा उप निरीक्षक 80
उप निरीक्षक 40
निरीक्षक 20
कुल 3736
संभाग से होगा चयन
इसमें हर जिलों में सरेंडर नक्सली, नक्सल पीड़ित और सहायक आरक्षकों की भर्ती की जानी है। वर्तमान में पूरे संभाग में लगभग 3 हजार सहायक आरक्षक हैं। इनमें कई सरेंडर नक्सली भी शामिल हैं।
आत्मसमर्पित नक्सलियों को भर्ती से मिलेगा फायदा
बस्तर में नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए कुछ साल पहले डिस्ट्रिक रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का गठन किया गया था। डीआरजी में स्थानीय युवकों के साथ सरेंडर नक्सलियों की भी भर्ती की गई थी। जो बस्तर के जल-जंगल-जमीन को अच्छी तरह से जानते हैं। इस फोर्स ने नक्सल मोर्चे पर कई बड़ी सफलता दिलाई है। इसी की तरह अब डिस्ट्रिक स्ट्राइक फोर्स के गठन के बाद इसके माध्यम से (Jagdalpur News) सरेंडर नक्सलियों के भर्ती होने से एक बड़ा फायदा फोर्स को मिलेगा।