Budha Pradosh Vrat 2024: भगवान शिव को समर्पित है बुध प्रदोष व्रत, जानिए व्रत कथा पूजन विधि

Budha Pradosh Vrat :

Budha Pradosh Vrat :

प्रदोष व्रत करने और भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और रोगों से मुक्ति मिलती है। भगवान भोलेनाथ की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

Budha Pradosh Vrat 2024 : बुध प्रदोष व्रत 21 फरवरी को है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। आज भगवान शिव को प्रसन्न करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

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पूजा मुहूर्त काल

21 फरवरी को बुध प्रदोष का व्रत रखेंगी, शिव पूजा के लिए ढाई घंटे से ज्यादा का समय मिलेगा। माघ के बुध प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ समय शाम 06 बजकर15 मिनट से रात 08 बजकर 47 मिनट तक है।

जानिए बुध प्रदोष व्रत पूजा विधि

बुध प्रदोष व्रत करने के लिए सुबह जल्दी उठें और दैनिक कार्यों के बाद घर की अच्छी तरह से सफाई करें। अब स्नान करने के बाद साफ सुथरे कपड़े पहनें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। बुध प्रदोष व्रत का संकल्प करें। शाम के समय शुभ मुहूर्त में धूप-दीप जलाकर भगवान शिव की पूजा करें। गाय के दूध और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें। सफेद चंदन, अक्षत, फूल, फल, बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि चढ़ाएं। दूध से बनी मिठाई चढ़ाएं और शिव चालीसा का पाठ करें। बुध प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें या सुनें। इसके बाद भगवान शिव की आरती करें।

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ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत के दिन गेहूं के आटे में गाय का घी और चीनी मिलाकर प्रसाद बनाएं और पूजा के दौरान इस प्रसाद को भगवान शिव को अर्पित करें। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा उन पर बरसती है। आज 21 बेलपत्रों पर चंदन से ओम नमः शिवाय मंत्र लिखें और पूजा के दौरान एक-एक करके सभी बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित कर दें। ऐसा करने से भी भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।

प्रदोष व्रत करने और भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और रोगों से मुक्ति मिलती है। भगवान भोलेनाथ की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। प्रदोष व्रत करने से धन, संपत्ति, सुख, सौभाग्य, समृद्धि, स्वास्थ्य, संतान आदि की प्राप्ति होती है।

प्रदोष काल में ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। इस महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु भी टल जाती है। यहां मंत्र एक शक्तिशाली शिव मंत्र है। इसका 108 बार जाप करने से जीवन में खुशहाली आती है और घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

महामृत्युंजय मंत्र:

।। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।

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