Budget Session 2025: PM मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर देंगे जवाब
Budget Session 2025 updates:बजट सत्र के चौथे दिन मंगलवार (4 फरवरी ) को पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देंगे। सोनिया गांधी और पप्पू यादव पर विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश हो सकता है। संसद में हंगामे की संभावना है।
Budget Session 2025 updates: संसद के बजट सत्र का आज, मंगलवार (4 फरवरी ) को चौथा दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर जवाब देंगे। इस दौरान वह सरकार की नीतियों और उपलब्धियों पर जोर देंगे। साथ ही विपक्ष की आलोचनाओं का भी करारा जवाब देने की संभावना है। यह संबोधन खास इसलिए है क्योंकि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव भी सदन में लाया जा सकता है। इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त बहस होने की उम्मीद है।
सोनिया गांधी के खिलाफ आ सकता है विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव
भाजपा सांसदों ने 3 फरवरी को सोनिया गांधी और पप्पू यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। इन दोनों नेताओं ने बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर विवादित टिप्पणियां की थीं। सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘बेचारी’ कहा था, जबकि पप्पू यादव ने उन्हें ‘रबर स्टैंप’ और ‘लव लेटर पढ़ने वाली’ बता दिया था। भाजपा ने इसे राष्ट्रपति का अपमान करार देते हुए कार्रवाई की मांग की थी। अगर यह प्रस्ताव पेश होता है, तो संसद में भारी हंगामे के आसार हैं।
तीन दिन की कार्यवाही में क्या हुआ?
बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई थी और अब तक कई अहम बहसें हो चुकी हैं। 3 फरवरी को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ‘मेक इन इंडिया’ योजना को पूरी तरह विफल बताया। वहीं, राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाकुंभ में भगदड़ से ‘हजारों मौतों’ का दावा किया था, जिसे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने वापस लेने को कहा। इसके अलावा, लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट को पेश करने की योजना थी, लेकिन इसे टाल दिया गया।
बजट सत्र में कौन-कौन से बिल पेश हो सकते हैं?
बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 10 मार्च से 14 अप्रैल तक होगा। इस दौरान सरकार 16 विधेयकों को पेश करने की योजना बना रही है, जिनमें से 12 बिल मानसून और शीतकालीन सत्र में भी चर्चा के लिए रखे गए थे। विपक्ष का आरोप है कि सरकार अहम बिलों को जल्दबाजी में पारित कराने की कोशिश कर रही है, जबकि सत्ता पक्ष का कहना है कि ये विधेयक विकास कार्यों को तेज करने के लिए जरूरी हैं।
बजट पर पक्ष और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं
1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ₹50.65 लाख करोड़ का केंद्रीय बजट पेश किया था। उन्होंने घोषणा की थी कि नौकरीपेशा लोगों के लिए ₹12.75 लाख और अन्य करदाताओं के लिए ₹12 लाख तक की आय टैक्स फ्री होगी। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक कार, मोबाइल और LED सस्ते करने की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बजट को आम जनता के लिए फायदेमंद बताया था, जबकि विपक्ष ने इसे निराशाजनक करार दिया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि यह बजट केवल अमीरों के फायदे के लिए बनाया गया है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर क्यों हुआ विवाद?
31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। उन्होंने अपनी सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा था कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र पर काम जारी है। उन्होंने यह भी बताया कि 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुके हैं। हालांकि, विपक्ष ने उनके भाषण को सरकार का प्रचार बताया और इसे महज औपचारिकता करार दिया। अब प्रधानमंत्री मोदी अपने जवाब में विपक्ष के इन आरोपों का जवाब देंगे। उनके संबोधन पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।