Tue. Jul 1st, 2025

CG Lok Sabha Election Phase 3: रायपुर सीट के लिए चुने गए ये दो दावेदार, किसका रहेगा पलड़ा भारी

LOKSABHA ELECTION

Raipur Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के चुनावी रण में रायपुर सीट का इतिहास बेहद रोचक है। इस सीट पर भाजपा ने इस बार शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मैदान में उतारा है।

रायपुर। Raipur Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के चुनावी रण में रायपुर सीट का इतिहास बेहद रोचक है। ये वही सीट है जिस पर कुछ साल तक एक ही नेता का सिक्का चलता था, वह हैं भाजपा के कद्दावर नेता रमेश बैस। बैस अभी महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, उन्होंने रायपुर लोकसभा सीट पर सात बार सांसद बनकर इतिहास रच दिया। इस सीट पर भाजपा ने इस बार शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मैदान में उतारा है।

बृजमोहन अग्रवाल राजनीति में अजेय और संकटमोचक माने जाते हैं। रायपुर-दक्षिण विधानसभा सीट से वह लगातार आठ बार के विधायक हैं। उनके सामने चुनाव में जीतने से ज्यादा लीड लेकर जीत करने की चुनौती है। साथ ही रमेश बैस जैसे ही अब सांसदी में भी रिकार्ड बनाने की चुनौती होगी। रायपुर की जनता के बीच कुछ इसी तरह की चर्चा गर्म है। बृजमोहन इस सीट को जीतने और बड़ी लीड पाने की मशक्कत भी कर रहे हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर युवा नेता व पूर्व विधायक विकास उपाध्याय पर दांव खेला है।

विकास की तुलना में बृजमोहन ज्‍यादा अनुभवी
राजनीतिक अनुभव के मुकाबले बृजमोहन का अनुभव विकास की तुलना में कहीं अधिक है मगर राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि रण चाहे जो भी हो, कभी भी अपने सामने लड़ रहे व्यक्ति को कमजोर नहीं माना जाना चाहिए। शायद इसी फार्मूले को मानते हुए भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल और उनकी टीम ने रायपुर सीट पर पूरी ताकत झोंक दी है। न सिर्फ रायपुर में, बल्कि संपूर्ण छत्तीसगढ़ में भाजपा विकास की लहर से चुनाव लड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकासपरक छवि, अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर का निर्माण, हर घर शौचालय, नल से जल जैसी विकास की उपलब्धियों को बटोरे हुए भाजपा के नेता लोगों के घरों तक पहुंच रहे हैं।

वहीं कांग्रेस की सीट पर चुनाव लड़ रहे विकास उपाध्याय पहली बार रायपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वह कांग्रेस के पांच न्याय और 25 गारंटी को लेकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं। वर्ष 2018 में विकास पहली बार रायपुर पश्चिम से विधायक बने। तीन बार के बीजेपी विधायक रहे राजेश मूणत को हराया था। विधानसभा चुनाव 2023 में राजेश मूणत ने उन्हें हराकर इस सीट पर कब्जा कर लिया।

रायपुर से हारे थे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष
इतिहासकार बताते हैं कि 1967 के लोकसभा चुनाव में रायपुर की सीट से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आचार्य जेबी कृपलानी भी चुनाव हार चुके हैं। 1947 में जब भारत को आजादी मिली उस समय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य कृपलानी ही थे, उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू से अपने मतभेद के चलते कांग्रेस छोड़ दी थी, रायपुर से 1967 का लोकसभा चुनाव भी उन्होंने कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी केएल गुप्ता से लड़ा और हार गए।

बैस ने रायपुर को बनाया भाजपा मजबूत गढ़
रायपुर सीट पर 1952 से अब तक 17 लोकसभा चुनाव हुए। इसमें आठ बार कांग्रेस और आठ बार भाजपा जीती। एक बार भारतीय लोकदल के प्रत्याशी पुरुषोत्तम लाल कौशिक ने जीत हासिल की। राज्य निर्माण से पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है मगर राज्य निर्माण के बाद यहां भाजपा मजबूत हुई। भाजपा के कद्दावर नेता रमेश बैस इस सीट पर पहली बार 1989 में सांसद बने। इसके बाद रमेश बैस 1996, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में सांसद बने।

About The Author